logo-image

बीजेपी विधायक की गृह मंत्री से मांग, यूपी में भी लागू हो NRC, शहर काजी ने कहा...

बीजेपी विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से असम की ही तरह उत्तर प्रदेश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस लागू किए जाने की मांग की है.

Updated on: 05 Sep 2019, 06:02 PM

मेरठ:

बीजेपी विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से असम की ही तरह उत्तर प्रदेश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस लागू किए जाने की मांग की है. विधायक की इस मांग को लेकर मेरठ के मौलानाओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मेरठ के नायब शहर काजी जैनुर राशिदीन का कहना है कि उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन अगर यह लागू कर भी दिया जाता है तो उन्हें कोई हर्ज नहीं है. उन्होंने कहा कि असम इंटरनेशन बॉर्डर पर है. ऐसे में वहां घुसपैठ की संभावनाएं हो सकती हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश की सीमाएं ऐसे देशों से नहीं मिलती हैं.

यह भी पढ़ें- जब जिला अस्पताल का ये हाल है तो कोई क्यों न जाए प्राइवेट अस्पतालों में 

लिहाजा यहां पर NRC की आवश्यक्ता नहीं है. हालांकि वे इस मांग को खुले दिल से स्वागत करते हैं. वो कहते हैं कि अगर NRC लागू कर भी दिया जाता है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का एक वर्ग अशिक्षित है. लिहाजा उसके पास को वैलिड डॉक्यूमेंट भी नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- पति-पत्नी का झगड़ा रिश्ता खत्म करने वाला था, तभी इस सलाह से उनकी जिंदगी बदल गई 

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले मेरठ और उसके आस-पास के जिलों में बांग्लादेशी और रोहिंगिया मुसलमानों की पहचान हुई थी. इस मसले पर अभी जांच की जा रही है. मेरठ कैंट से बीजेपी के विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने NRC के मुद्दे पर गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र में विधायक ने मांग की है कि बंगाल की ही तरह यूपी में भी एनआरसी लागू किया जाए.

यह भी पढ़ें- 14 सितंबर को CM कमलनाथ रखेंगे इंदौर मेट्रो की आधार शिला, ये है पूरा प्रोजेक्ट

सत्यप्रकाश अग्रवाल के मुताबिक यूपी में अवैध बांग्लादेशियों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है. मेरठ में घुसपैठियों ने सामाजिक समीकरण बिगाड़ दिया है. यहां घुसपैठियों के कारण बिजली चोरी, सरकारी रसद और सब्सिडी पर असर पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के राजगढ़ में खुले में पशु छोड़ने पर होगी 6 माह की जेल

गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में विधायक ने मांग की है कि पिछले 15 वर्षों से पूर्ववर्ती सपा और बसपा की सरकारों में इन अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के राशनकार्ड, आधार कार्ड और मतदाता सूची में भी नाम जोड़ दिए गए हैं. इस मुद्दे को लेकर कई बार विधानसभा में आवाज उठाया गया लेकिन पूर्व की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. इन घुसपैठियों के कारण दोनों विधानसभा सीटों पर आबादी का समीकरण बिगड़ गया है.