अगर आप भी इस्तेमाल कर रहें हैं ट्रू-कॉलर तो ये खबर आप के लिए ही है, पढ़ लीजिए नहीं तो खाता हो सकता है खाली
लोगों को चूना लगाने के लिए साइबर ठगों ने अब एक नया तरीका ढूंढ निकाला है. साइबर अब मोबाइल एप ट्रू-कॉलर के सहारे आपका बैंक अकाउंट खाली करने की फिराक में हैं.
highlights
- ट्रूकॉलर पर नाम बदल कर हो रही है ठगी
- बैंक के नाम से सेव कर रहे हैं नंबर
- नोएडा में युवक हुआ ठगी का शिकार
नोएडा:
लोगों को चूना लगाने के लिए साइबर ठगों ने अब एक नया तरीका ढूंढ निकाला है. साइबर अब मोबाइल एप ट्रू-कॉलर के सहारे आपका बैंक अकाउंट खाली करने की फिराक में हैं. अब आप सोच रह होंगे कि ट्रू कॉलर के जरिए आखिर कोई कैसे आपके खाते से पैसा निकाल सकता है. तो हम बता दें कि ऐसा हो चुका है.
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जीं हां, नोएडा में ट्रू-कॉलर के जरिए बैंक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. पीड़ित को अपने ठगे जाने का पता एक दिन के बाद चला. ठग ने पीड़ित के खाते से हजारों रुपये उड़ा लिए. पीड़ित ने सेक्टर-24 में मुकदमा दर्ज करवाया है. बैंक फ्रॉड पीड़ित प्रकाश नारायण ने अपनी तहरीर में बताया है कि उसके मोबाइल पर एक कॉल आई.
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फोन में मौजूद एप ट्रू-कॉलर के मुताबिक फोन पर SBI बैंक मैनेजर लिखा आ रहा था. जब फोन उठाया तो कॉल करने वाले ने अपना नाम रोहित भारद्वाज बताया. साथ ही उसने यह बताया कि वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का बैंक मैनेजर बोल रहा है. ठग ने प्रकाश से कहा कि उसका एटीएम कार्ड बंद हो गया है.
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उसे चालू करा लीजिए. कार्ड चालू करने के लिए ठग ने पीड़ित से किसी दूसरे बैंक का खाता नंबर, एटीएम कार्ड नंबर, पिन और सीवी नंबर मांगा. जिसे पीड़ित ने दे दिया. थोड़ी देर बाद प्रकाश को फिर फोन आया और बताया गया कि उसका एटीएम कार्ड फिर से एक्टिव कर दिया गया है. इसे थोड़ी ही देर के बाद प्रकाश के खाते से 10-10 हाजर रुपये तीन बार में निकाल लिए गए.
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प्रकाश ने वापस फोन किया तो बताया गया कि यह गारंटी मनी है. अगले 12 से 14 घंटे के भीतर पैसा वापस आ जाएगा. लेकिन जब दो दिन बीतने के बाद भी पैसा नहीं मिला तो प्रकाश को समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो चुका है.
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पीड़ित का कहना है कि ट्रू-कॉलर पर SBI बैंक मैनेजर लिखे होने के कारण वह झांसे में आ गया. टेक्निकल जानकारों का कहना है कि ट्रूकॉलर में कोई भी अपना नाम जो चाहे वह बदल सकता है. इस लिए जरूरी नहीं कि जो नाम स्क्रीन पर लिख कर आ रहा हो वही सही हो.
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