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यूपी पुलिस के थाने में रह रहा है 'भूत', किसी की हिम्मत नहीं उसका कमरा खोलने की

बलिया का भीमपुरा थानेदार का कमरा बीते 25 सालों से खोला ही नहीं गया है. पुलिस वालों का मानना है कि थानेदार के कमरे में 'भूत' रहता है.

Updated on: 19 Jul 2019, 09:36 AM

highlights

  • बलिया के भीमपुरा थाने के थानाध्यक्ष कमरे में रहता है 'भूत'.
  • इसी कमरे में हिरासत में पिटाई से युवक की हुई थी मौत.
  • 'भूत' के डर से कोई नहीं खोलता थानाध्यक्ष का कमरा.

नई दिल्ली.:

यूपी पुलिस की दबंगई से बड़े-बड़े अपराधियों के 'भूत' भागते हैं. यह अलग बात है कि सूबे का एक थाना ऐसा भी है, जहां तैनात पुलिस वाले खुद 'भूत' के नाम से थरथर कांपते हैं. यह थाना है बलिया का भीमपुरा, जो आजकल 'भूत' के कारण मीडिया रिपोर्ट्स में छाया हुआ है. इस 'भूत' की दहशत का आलम यह है कि थानेदार का कमरा बीते 25 सालों से खोला ही नहीं गया है. पुलिस वालों का मानना है कि थानेदार के कमरे में 'भूत' रहता है, जो अटल बिहारी नाम के युवक का है. इस युवक को थानेदार ने इसी कमरे में पीट-पीट कर मार डाला था.

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कोई नहीं खोलता कमरा
यही नहीं, 'भूत' की दहशत का आलम यह है कि इस कमरे को खोलने के लिए भी कोई पुलिस कर्मी तैयार नहीं है. इसकी वजह यह डर है कि जिस भी थानेदार ने थानाध्यक्ष का कमरे खोलने की 'हिम्मत' की है, उसे किसी न किसी अनहोनी का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि अब जिस भी थानेदार की पोस्टिंग इस थाने में होती है, वह अपने बंद कक्ष के बाहर ही कुर्सी-मेज लगाकर फरियाद सुनता है. साथ ही थाने से जुड़े अन्य सरकारी काम काज को भी निपटाता है.

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हिरासत में पिटाई से युवक की हुई थी मौत
आस-पास के गावों के ग्रामीणों की मानें तो 1995 मे पंचायत चुनाव के दौरान प्रेमरजा गांव निवासी बीएचयू के एक होनहार छात्र अटल बिहारी मिश्र को थाने के इसी कमरे में बंद किया गया था. साथ ही तत्कालीन थानाध्यक्ष राम बड़ाई यादव ने अटल बिहारी की इतनी पिटाई की थी कि उसकी थाने में ही मौत हो गई थी. इसका मुकदमा भी अदालत में लंबित है. इस युवक के 'भूत' का डर आज भी पुलिस वालों पर तारी है और और कोई भी थानेदार कक्ष को खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है.