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आजम खान को बड़ा झटका, जौहर यूनिवर्सिटी को लौटानी होगी जमीन

भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना ने जौहर विश्वविद्यालय का मुद्दा उठाया था.

Updated on: 20 Jan 2020, 12:43 PM

रामपुर:

समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान (Azam Khan) को बड़ा झटका लगा है. आजम खान की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) को अब दलितों की 104 बीघा जमीन वापस करने होगी. राजस्व परिषद बोर्ड ने पूर्व कमिश्नर मुरादाबाद (Moradabad) के आदेश खारिज कर दिया है. राजस्व परिषद ने निगरानियों को सही करार करते हुए विक्रय पत्र को आधारहीन बताया है. ऐसे में जौहर ट्रस्ट की ओर से बनवाए गए इस विवि के कब्जे से दलितों की 100 बीघा जमीन वापस होगी.

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दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना ने जौहर विश्वविद्यालय का मुद्दा उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में आजम खान ने जिलाधिकारी की अनुमति के बिना दलितों की 100 बीघा जमीन जोहर ट्रस्ट के नाम करवाई थी. आकाश सक्सेना का आरोप था कि यह जमीन सदर तहसील के सीगनखेड़ा ग्रामसभा में अनुसूचित जाति के लोगों की थी. 2007 में इनके नाम सीलिंग पट्टेदार के रूप में अंकित हुए थे, लेकिन राजस्व अभिलेखों में उन्हें संक्रमणीय भूमिधर घोषित नहीं किया गया था. जिसके बाद नियमों को ताक पर रखकर इन दलितों की जमीन की खरीद की गई. एससी वर्ग के व्यक्ति के नाम पर दर्ज जमीन को सामान्य श्रेणी के विश्वविद्यालय को नहीं बेचा जा सकता. लेकिन यहां जमीन खरीदने में जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 का उल्लंघन किया गया था.

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बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच कराने की मांग की थी. जिसके बाद 6 मार्च 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने आजम खां पर राजस्व परिषद प्रयागराज में 10 निगरानी वाद दायर कराए थे. इस मामले में जौहर यूनिवर्सिटी को नोटिस भी भेजा गया था. सरकार का पक्ष और जौहर ट्रस्ट का पक्ष जानने के बाद राजस्व परिषद ने अब अपना फैसला सुना दिया है. न्यायालय राजस्व परिषद ने पूर्व कमिश्नर द्वारा आजम खान के पक्ष में किए गए आदेश को खारिज और निगरानियों को सही करार दिया.