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8 मार्च के अलावा 13 फरवरी को भी मनाते हैं महिला दिवस, जानें क्यों

आपको पता होगा कि विश्व महिला दिवस (World Women's Day) हर साल 8 मार्च को पड़ता है. लेकिन भारत में हर साल 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस (Nation Women's Day) मनाया जाता है.

Updated on: 13 Feb 2020, 10:55 AM

लखनऊ:

आपको पता होगा कि विश्व महिला दिवस (World Women's Day) हर साल 8 मार्च को पड़ता है. लेकिन भारत में हर साल 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस (Nation Women's Day) मनाया जाता है. पहली बार 13 फरवरी 2014 को यह मनाया गया. दिवंगत सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) की 135वीं जयंती के रूप में यह मनाया गया. ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ (Nightingale of India) के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू देश की पहली महिला राज्यपाल भी थीं. सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था. 2 मार्च 1949 को उनका निधन हुआ. भारत की आजादी के लिए सक्रिय तरीके से उन्होंने इसमें भाग लिया.

सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता सेनानी के साथ संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) की पहली महिला राज्यपाल बनीं. उनके काम और योगदान का सम्मान करते हुए यह दिन देश की महिलाओं के विकास का जश्न मनाने का भी प्रतीक है. महिला दिवस मनाने का यह प्रस्ताव भारतीय महिला संघ और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के सदस्यों द्वारा किया गया था. आइए जानते हैं सरोजिनी नायडू के बारे में.

सरोजिनी नायडू की उपलब्धियां

  • सरोजिनी नायडू एक कवियत्री थीं.
  • 1947 से 1949 तक उन्होंने आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत के एक भारतीय राज्य की राज्यपाल बनीं.
  • 1925 में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला और पहली भारतीय महिला बनीं.
  • 1905 में बंगाल के बंटवारे के बाद सरोजिनी नायडू आजादी की लड़ाई में कूद गईं.
  • 1928 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें भारत में प्लेग महामारी के दौरान किए गए उनके काम के लिए पदक नायडू कैसर-ए-हिंद से नवाजा.

सरोजिनी नायडू की रचनाएं

1905 में प्रकाशित गोल्डन थ्रेशोल्ड उनकी पहली कविता संग्रह थी. द बर्ड ऑफ टाइम: जीवन, मृत्यु और वसंत के गीत, द मैजिक ट्री, द विज़ार्ड मास्क, द सेप्ट्रेड फ्लूट: सॉन्ग्स ऑफ इंडिया, इलाहाबाद: किताबीस्तान और द इंडियन वीवर्स जैसी रचनाएं उन्होंने की.