logo-image

आगरा में कोरोना का एक और मामला आया सामने, इलाज कर रहे डॉक्टर संक्रमित

बताया जा रहा है कि डॉक्टर का बेटा भी कोरोना पॉजिटिव है. उसकी रिपोर्ट पहले ही कोरोना पॉजिटिव आई है.

Updated on: 01 Apr 2020, 10:04 AM

आगरा:

कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना धीरे-धीरे अपना पैर पसार रहा है. उत्तर प्रदेश के आगरा में लगातार मामले बढ़ रहे हैं. बुधवार को आगरा में कोरोना के एक और मामले सामने आए हैं. अबतक कुल 12 मामले सामने आ चुके हैं. वहां के सार्थक नर्सिंग होम के डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि डॉक्टर का बेटा भी कोरोना पॉजिटिव है. उसकी रिपोर्ट पहले ही कोरोना पॉजिटिव आई है.

यह भी पढ़ें- झारखंड : कोरोना पॉजिटिव महिला 16 मार्च को राजधानी ट्रेन से पहुंची थी रांची

बेटा भी कोरोना संक्रमित

अपने बेटे को अपने द्वारा ही अस्पताल में आइसोलेट कर रहे थे. बेटे की जांच के बाद डॉक्टर पिता का भी जांच किया गया. पिता की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उसका बेटा भी डॉक्टर है. वह यूके से लौटा था. डॉक्टर पिता को जानकरी हुई, तो घर में आइसोलेट करने लगे. जिसके चलते खुद भी कोरोना के शिकार हो गए. प्रशासन ने दोनों पिता-पुत्र को एसएन मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन में रखा.

यह भी पढ़ें- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अस्पताल में जिस डॉक्टर से मिले, वो भी कोरोना पॉजिटिव

पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का पूरी तरह पालन हो

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबलीगी जमात में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए मेरठ-आगरा का दौरा रद्द कर दिया. दौरा रद्द करते ही मुख्यमंत्री सीधे लखनऊ पहुंच गए. अपने आवास पर आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का पूरी तरह पालन हो. इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि तबलीगी की जमात से जुड़े हुए लोगों की तेज़ी से तलाश की जाए. वे जहां मिले उन्हें तत्काल क्वारंटाइन किया जाए.

यह भी पढ़ें- निजामुद्दीन मरकज ने उड़ाई दिल्ली पुलिस की नींद, भरत नगर में ठहरे थे 8 विदेशी 

पूर्व स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सेवा लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर आपात सेवा के लिए रिटायर्ड आर्मी मेडिकल अफसरों के साथ ही साथ पूर्व स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सेवा लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों में मौजूद उत्तर प्रदेश के नागरिकों की पूरी मदद की जाए. उनके भोजन आदि का प्रबंध अवश्य कराया जाए. उन्होंने कहा कि संस्थानों के मालिक अपने कर्मचारियों और श्रमिकों के भोजन का हर हाल में प्रबंध करें. यदि वह नहीं कर पा रहे तो प्रशासन को सूचित करके सभी श्रमिकों और कर्मचारियों के भोजन का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं. प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए.