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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक के साथ दरोगा ने की बदसलूकी, थाने से भागने को कहा

यह मामला वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र में पड़ने वाले राजातालाब पुलिस चौकी का है.

Updated on: 29 Jun 2019, 07:44 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन पत्र में प्रस्तावक के साथ एक दरोगा द्वारा बदतमीजी किए जाने का मामला सामने आया है. मामला वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र में पड़ने वाले राजातालाब पुलिस चौकी का है. जहां अपनी फरियाद लेकर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक डॉ रमाशंकर पटेल के साथ पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा श्रीकांत पांडे ने न सिर्फ बदतमीजी की बल्कि उनको थाने से भाग जाने के लिए भी कहा.

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दरअसल, वाराणसी के राजातालाब क्षेत्र के दीपापुर गांव के रहने वाले डॉ रमाशंकर पटेल रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन के लिए प्रस्तावक की भी भूमिका निभाई थी. डॉ रमाशंकर पटेल ने 2016 में अपने गांव के ही रजई नाम के व्यक्ति से जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था. उस दौरान डॉ पटेल असम में पोस्टेड थे. इन्होंने अपने जमीन पर एक समर्सिबल पंप लगवाया और उसकी देखरेख का जिम्मा जमीन विक्रेता रजई के जिम्मा सौंप दिया.

रजई अपनी पत्नी के साथ समर्सिबल पंप के लिए बने अस्थाई रूप के कमरे में रहने लगा. 2017 में रजई की मौत हो गई. उसके बाद उसकी तलाकशुदा बेटी वहां रहने लगी. कुछ दिन पहले डॉ रमाशंकर पटेल ने अपनी जमीन की बाउंड्री तैयार करने के लिए सामान गिराया. जमीन की बाउंड्री का काम शुरू हुआ तभी जमीन विक्रेता रजई की बेटी गंगा ने 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने बाउंड्री का निर्माण रुकवा दिया.

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मामले को लेकर 26 जून को डॉ रमाशंकर पटेल डीएम और एसएसपी से मिले और उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया कि अपनी जमीन पर वह निर्माण कराना चाह रहे हैं, लेकिन पुलिस द्वारा वहां रोका जा रहा है. इस पर जिलाधिकारी ने मामले की जांच करने के लिए पत्र को रोहनिया थाना अध्यक्ष के माध्यम से पुलिस चौकी को भेजा. 28 जून को पुलिस चौकी के इंचार्ज श्रीकांत पांडे ने रमाशंकर पटेल को बुलाया. डॉ रमाशंकर पटेल अपने दो राजनैतिक मित्रों के साथ पुलिस चौकी पहुंचे. इसके बाद दारोगा श्रीकांत पांडे ने न सिर्फ डॉ रमाशंकर पटेल और उनके साथियों के साथ बदतमीजी की बल्कि थाने से भी भाग जाने को कहा. इसके बाद डॉ रमाशंकर पटेल ने एसएसपी से मिलकर पूरे मामले को अवगत कराया है. अब देखने वाली बात होती है कि इस पूरे मामले पर पुलिस के आला अधिकारियों का क्या रुख होता है.

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