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पुलिस की वजह से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से वापस लौटी प्राचीन मूर्ति: तमिलनाडु सरकार

तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट को बताया कि चोरी हुई प्राचीन मूर्ति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण ऑस्ट्रेलिया से वापस लायी जा सकी है

Updated on: 13 Nov 2019, 07:32 AM

चेन्नई:

तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट को बताया कि चोरी हुई प्राचीन मूर्ति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण ऑस्ट्रेलिया से वापस लायी जा सकी है नाकि विशेष पुलिस अधिकारी पोन मनिकवेल के कारण. यह मुद्दा मनिकवेल की ओर से दायर अवमानना याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें तत्कालीन मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन और पूर्व डीजीपी टी के राजेंद्रन के खिलाफ मूर्ति चोरी के मामलों में अदालत के एक आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया गया है.

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मूर्ति चोरी के मामलों में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन ने बताया कि ‘यूरेनियम खरीदी वार्ता के सिलसिले में ऑस्ट्रेलिया दौरे के वक्त ही प्रधानमंत्री ने वहां की सरकार से अनुरोध किया गया था कि वह इस तरह से चोरी का लाई गई भारतीय प्राचीन वस्तुओं को वापस करे.’ उन्होंने पीठ के समक्ष कहा, ‘केवल ऐसे अनुरोध के कारण ऑस्ट्रेलिया ने एक प्राचीन नटराजार मूर्ति सितंबर में वापस की. लेकिन मनिकवेल ने मीडिया के समक्ष गलत तरीके से दावा किया कि यह उनके प्रयासों के कारण वापस की गई थी.’ याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस की मूर्ति शाखा और राज्य की ओर से पेश हुए श्रीनिवासन ने कहा कि अवमानना की याचिका में गुण नहीं है क्योंकि इस समस्या के निपटने के लिए उच्चतम न्यायालय ही उचित मंच है.

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह विशेष अधिकारी को सभी फाइलें सरकार को वापस करने का निर्देश दे क्यों उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है और मामले की सुनवाई 18 नवंबर को संभव है. सभी दलालें सुनने के बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की है.