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केरलः विवाह प्रमाणपत्र मांगने पर दोबारा शादी का फरमान, मंत्री ने लिया ये ऐक्शन

केरल विवाह रजिस्ट्रार कार्यालय में चार कर्मचारियों के लिए एक मजाक उस वक्त महंगा साबित हुआ, जब उन्होंने एक व्यक्ति को उसका विवाह प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया.

Updated on: 12 Jul 2019, 03:30 AM

नई दिल्ली:

केरल विवाह रजिस्ट्रार कार्यालय में चार कर्मचारियों के लिए एक मजाक उस वक्त महंगा साबित हुआ, जब उन्होंने एक व्यक्ति को उसका विवाह प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया और कहा कि वह एक बार फिर शादी करे, तब प्रमाणपत्र मिलेगा. राज्य के पंजीकरण मंत्री जी. सुधाकरन ने 'दुर्व्यवहार और कर्तव्य का त्याग' करने पर अपने विभाग के सभी चार सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.

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एक फेसबुक पोस्ट में गुरुवार को सुधाकरन ने कहा कि जब उन्हें इस व्यक्ति के बारे में पता चला तो वह इस 'बकवास' को सह नहीं सके और उन्होंने तुरंत निलंबन का आदेश दे दिया. मधुसूदन कोझिकोड के मुक्कोम में सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में गए और शादी करने के 16 साल बाद एक विवाह प्रमाणपत्र की मांग की. कर्मचारियों ने पहले उनका मजाक उड़ाया और फिर कई दिनों तक उन्हें इंतजार करवाया, जबकि दस्तावेज अनुरोध के रूप में उसी दिन उपलब्ध कराया जाना चाहिए था.

मंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मधुसूदन ने 27 फरवरी, 2003 को विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत शादी की थी. उन्हें 19 जून को अपने प्रमाणपत्र की जरूरत थी और उन्होंने अपने विवाह प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रति के लिए अनुरोध किया था." मंत्री ने कहा, "विवाह प्रमाणपत्र प्रदान करने के बजाय अधिकारियों ने उनका मजाक बनाया."

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सुधाकरन ने कहा कि कर्मचारियों ने उनसे एक बार फिर शादी करने को कहा, ताकि उन्हें पुराने रिकॉर्ड न देखने पड़े और वह जल्द विवाह प्रमाणपत्र जारी कर सकें. मंत्री ने आगे कहा कि यह प्रमाणपत्र तब वहीं दिया जा सकता था, लेकिन उन्हें तीन दिनों तक इंतजार करने के लिए कहा गया और उन्हें अपमान भी सहना पड़ा. उन्होंने कहा, "जब व्यक्ति ने अपना दुख सोशल मीडिया पर प्रकट किया, तब यह मेरे संज्ञान में आया। मैंने शीर्ष अधिकारियों को रजिस्ट्रार कार्यालय में मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने को कहा."