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कर'नाटक' में पल-पल बदल रहे घटनाक्रम में कांग्रेस-जदएस ने मारी बाजी, बीजेपी का दांव कमजोर

कांग्रेस नेताओं ने बागी विधायकों औऱ मंत्रियों को मनाने की रणनीति तेज कर दी है. हालांकि इस बात के संकेत शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दिए थे.

Updated on: 13 Jul 2019, 02:00 PM

highlights

  • बागी नागराज को मनाने पहुंचे डीके शिवकुमार और जी परमेश्वर.
  • बाद में नागराज सिद्दरमैया से मुलाकात करने उनके घर आए.
  • बीजेपी ने भ्रम करार दे विश्वास प्रस्ताव को खारिज किया.

नई दिल्ली.:

कर्नाटक के सियासी नाटक में जिस तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है, वह किसी थ्रिलर फिल्म सरीखा लगता है. शनिवार तड़के सुबह कांग्रेस के संकटमोचक राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार बागी विधायक एमटीबी नागराज के घर पहुंचे. घंटों चली मुलाकात के बाद नागराज और शिवकुमार ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि वे पुराने कांग्रेसी हैं और बातचीत कर किसी निर्णय पर पहुंचेंगे. नागराज ने इस बीच उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर से भी मुलाकात की. इन दोनों नेताओं से मेल-मुलाकात के बाद नागराज सिद्धारमैया के निवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे.

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बागियों को मनाने की कवायद तेज
जाहिर है राज्य के कांग्रेस नेताओं ने बागी विधायकों औऱ मंत्रियों को मनाने की रणनीति तेज कर दी है. हालांकि इस बात के संकेत शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दिए थे. उन्होंने कर्नाटक में जारी गतिरोध के बीच बेबाकी से बयान दिया था कि वह तय तारीख पर फ्लोर पर बहुमत सिद्ध करने को तैयार हैं. संभवतः यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने विधायकों को लामबंद रखने में जुटी हुई हैं. इसके लिए भी हर पैतरा आजमाया जा रहा है.

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शनिवार को कुछ इस तरह हुई सुबह
इसी नए पैतरे के तहत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मंत्री डीके शिवकुमार शनिवार सुबह करीब 5 बजे बागी मंत्री और कांग्रेसी विधायक एमटीबी नागराज के घर पहुंचे. कुछ देर बाद उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी नागराज के घर पहुंच गए. दोनों करीब पांच घंटे तक नागराज से इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश करते रहे. सूत्रों के मुताबिक इसके साथ ही बागी विधायक रामलिंग रेड्डी, मुणिरत्ना और आर रोशन बेग को मनाने की कोशिशें भी साथ-साथ बदस्तूर जारी थीं. इस मुलाकात का असर भी दिख गया, जब शिवकुमार और नागराज मीडिया के सामने आए.

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दिए घर वापसी के संकेत
नागराज ने कहा कि हालात ऐसे हो गए थे कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अब डीके शिवकुमार और दूसरों ने आकर उनसे इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, 'मैं के सुधाकर राव से बात करूंगा और फिर देखते हैं कि क्या करना है. आखिर मैंने कई दशक कांग्रेस में बिताए हैं.' वहीं, डीके शिवकुमार ने यहां तक कहा है कि पार्टी के लिए 40 साल तक काम करने के बाद साथ रहना चाहिए और साथ मरना भी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर परिवार में उतार-चढ़ाव होते हैं. शिवकुमार ने कहा, 'हमें सब भूलकर आगे बढ़ना चाहिए. मुझे खुशी है कि नागराज ने आश्वासन दिया है कि वह हमारे साथ रहेंगे.'

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कुमारस्वामी भी लगे हैं मनाने में
बताते हैं कि कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने खुद भी मोर्चा संभाल रखा है. उन्होंने खुद चार कांग्रेसी विधायकों से बातचीत कर उन्हें विश्वास में लिया है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि बागी विधायक अपना-अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे. इस बीच राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि अगले हफ्ते बहुमत परीक्षण हो सकता है. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपने विधायकों को होटेल और रिजॉर्ट में शिफ्ट कर रही हैं.

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बीजेपी ने नाटक को भ्रम ही करार दिया
हालांकि कांग्रेस और जदएस की इस कवायद के बीच बीजेपी नेता भी पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं. इस संदर्भ में बीजेपी राज्य अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा का बयान महत्वपूर्ण हो जाता है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'कांग्रेस और जदएस में भ्रम की स्थिति है, इसलिए विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं. विधायकों को वापस लेने के लिए साजिश की जा रही है.' साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसलिए विश्वास प्रस्ताव की बात ही तकनीकी तौर पर बेमानी है.