Women Safety: महिलाओं के साथ बच्चियां भी नहीं है महफूज, राजस्थान में बढ़ा महिला अपराध
राजस्थान में पिछले साल की तुलना में महिला अत्याचार की घटनाओं में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आंकड़ों की बात करें तो राजस्थान में हर रोज 9 नाबालिग बेटियों से और 17 महिलाओं से रेप की वारदातें हो रही हैं.
नई दिल्ली:
देश में महिलाएं ही नहीं बल्कि मासूम बच्चियां भी महफूज नहीं है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़ों में महिलाओं के खिलाफ अपराध दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. हर दिन अखबार रेप की घटनाओं से पटी पड़ी रहती है लेकिन फिर भी हमारा कानून और समाज चुप्पी साधे हुआ है. देश में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही इतनी वीभीत्स घटनओं से भी हम सबक नहीं ले पा रहे है. हैवानीयत भरी खबरों को पढ़कर बस बयानबाजी और मोबत्तियां जला दी जाती है.
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हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ है, राज्य सरकार पर तमाम सवाल उठाएं जा रहे हैं, लेकिन वहीं राजस्थान भी रेप स्टेट बनता जा रहा है. कभी महिलाओं के आत्मसम्मान को बचाने के लिए युद्ध छेड़ने वाले राजस्थान में आए दिन उनकी अस्मिता को तार-तार किया जा रहा है. इतना ही नहीं यहां हैवान अपनी हवस का शिकार मासूमों को भी बना रहा है.
राजस्थान में बच्चियों के प्रति यौन हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है. यहां के टोंक में 6 साल की मासूम के साथ हैवानियत की गई है. पहले उसका रेप किया और बाद में गला दबाकर हत्या कर दी गई.
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पूरे मामले की बात करें तो बच्ची स्कूल से घर आ रही थी इसी बीच हैवानों ने उसे दबोच लिया और अपहरण कर उसके साथ कुकृत्य कर के बेरहमी से गला दबाकर मार डाला. मासूम के दोनों आंखें बाहर निकली हुई थी.
बता दें कि राजस्थान में पिछले साल की तुलना में महिला अत्याचार की घटनाओं में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आंकड़ों की बात करें तो राजस्थान में हर रोज 9 नाबालिग बेटियों से और 17 महिलाओं से रेप की वारदातें हो रही हैं. जनवरी से अक्टूबर तक 10 महीने में 2713 बेटियों रेप का शिकार हुई है तो वहीं, 5 हजार 194 महिलाओं से रेप की घटनाएं दर्ज की गई हैं.
लगातार 4 साल, अपराधियों में खौफ पैदा नहीं कर पाई पुलिस
2016: महिला अत्याचार के कुल 28,333 मामले, जयपुर-अलवर के बाद गंगानगर 1373 प्रकरणों के साथ तीसरे, अजमेर 1320 मामलों के साथ चौथे, जबकि भीलवाड़ा 1192 प्रकरणों के साथ पांचवे नंबर पर था.
2017: महिला अत्याचार के कुल 25, 560 मामले, जयपुर-अलवर के बाद तीसरे नंबर पर अजमेर 1239, चौथे पर भीलवाड़ा 1163 और भरतपुर 1136 प्रकरणों के साथ पांचवे नंबर पर रहा.
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2018: महिला अत्याचार के कुल 27,593 मामले, पहले दूसरे नंबर पर जयपुर-अलवर है, अजमेर 1367 मामलों के साथ तीसरे, 1212 प्रकरणों के साथ भीलवाड़ा चौथे और 1175 प्रकरणों के साथ गंगानगर पांचवे नंबर पर था.
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