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इस तालाब में डुबकी लगाने से भूत प्रेतों से मिल जाती है निजात! जानिए दिलचस्प किस्सा

श्रद्धालु इस तालाब में आकर डुबकी लगाते हैं जिससे कि उन्हें भूत प्रेत और बुरे साए से निजात मिलती है.

Updated on: 30 Aug 2019, 05:09 PM

highlights

  • अंधविश्वास या आस्था जोधपुर की पर्चा नाड़ी
  • यहां स्नान करने से भाग जाते हैं भूत-प्रेत
  • चर्म रोग और कुष्ठ रोग भी ठीक हो जाता 

नई दिल्‍ली:

जोधपुर वर्तमान के वैज्ञानिक युग में अगर आपको कोई कहे किसी तालाब में नहाने से भूत-प्रेत का साया हट जाता है तो कोई यकीन नहीं करेगा, लेकिन जोधपुर में पर्चा नाड़ी के लिए ऐसा माना जाता है कि यहां पर स्नान करने से केवल भूत या बुरी आत्मा के लिए साए से निजात मिलती है. जोधपुर मसुरिया स्थित बाबा रामदेव परिसर में एक ऐसा तालाब है जिसे पर्चा नदी के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से चर्म रोग और कुष्ठ रोग भी दूर हो जाते हैं साथ ही यदि किसी व्यक्ति या महिला पर भूत-प्रेत या बुरे साए का प्रकोप है तो भी श्रद्धालु इस तालाब में आकर डुबकी लगाते हैं जिससे कि उन्हें भूत प्रेत और बुरे साए से निजात मिलती है. एक डुबकी में बुरी आत्मा और चरण से मिलता है छुटकारा. भाद्रपद के मेले में जोधपुर में मसूरिया स्थित लोक देवता बाबा रामदेव के गुरु बालक नाथ जी के समाधि स्थल पर सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.

ये श्रद्धालु पर्चा नाडी में स्नान कर अपने सारे रूप दूर करने की कामना करते हैं इसे आस्था कहें या अंधविश्वास लेकिन या आने वाले लोगों का कहना है कि या स्नान करने से उन्हें बुरी आत्मा से छुटकारा मिलता है. वहीं मसुरिया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान ने बताया कि प्राचीन मंदिर में यह तालाब जिसे पर्चा नाड़ी के नाम से जाना जाता है इस तालाब में स्नान करने से शरीर पर हुए कुष्ठ रोग और चरम रोग से निजात मिलती है साथ ही जिन लोगों पर भूत-प्रेत या बुरा साया होता है वह लोग या आकर स्नान करते हैं और उन्हें भूत प्रेत और बुरे साए से मुक्ति मिलती है.

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वहीं सीसीटीवी फुटेज में देखने को मिली कि एक महिला पर भूत प्रेत और बुरे साए का प्रकोप है जिसे उनके परिजन तालाब में स्नान करा रहे हैं स्नान कराने के बाद परिजनों का दावा है कि उसे भूत प्रेत और बुरे साए से मुक्ति मिल गई मंदिर में आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालु पर चालानी के पानी को चरणामृत के रूप में अपने साथ लेकर जाते हैं वर्तमान में विज्ञानिक युग में लोग इस बात पर भरोसा करें या ना करें लेकिन अलग-अलग राज्यों से आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु आज भी इस बात पर पूर्णतया विश्वास करते हैं कि वे लोग इस मंदिर में आते हैं तो बिना स्नान किए यहां से नहीं जाते.

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