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राजस्थान आयकर विभाग ने लिया बड़ा एक्शन, 100 करोड़ मूल्य की 66 बेनामी संपत्तियां की गई अटैच

आयकर निदेशक, आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण की जांच में यह सामने आया था कि कूकस और खोरामीना गाँवों में रामजीलाल मीणा और रामधन मीणा के नामों से जमीनों में बड़ा निवेश किया गया था लेकिन उनकी हैसियत यह निवेश करने की नहीं थी.

Updated on: 12 Feb 2019, 01:46 PM

जयपुर:

आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट ने जयपुर - दिल्ली हाईवे पर बड़ा एक्शन लिया हैं. विभाग ने 100 करोड़ मूल्य की 66 बेनामी संपत्तियां अटैच की हैं. कूकस और खोरामीना गाँवों में रामजीलाल मीणा और रामधन मीणा के नामों से जमीनों में बड़ा निवेश किया गया था. इनकी आर्थिक स्थिति इस संपत्ति को खरीदने की नहीं थी. आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा की राम कृपाल सिसोदिया के जयपुर में जगतपुरा स्थित आवास पर की गयी सर्च में प्राप्त दस्तावेजों से यह साबित हुआ कि सिसोदिया ने ही इन तीनों व्यक्तियों के नामों से खरीदी गई. यह प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हैं. इस अटैचमेंट्स के साथ ही राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट अब तक कुल 317 बेनामी संपत्तियां अटैच कर चुकी है.

इन संपत्तियों का कुल मूल्य करीब 1050 करोड़ रूपए है. इनमें से 36 संपत्तियों के अटैचमेंट्स को नई दिल्ली स्थित एडजुटिकेटिंग ऑथरिटी बेनामी घोषित भी कर चुकी है. बेनामी निवेश की सबसे बड़ी कार्रवाई आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए जयपुर – दिल्ली हाईवे पर कूकस, खोरामीना, हरवर और कांकरेल गाँवों में 64 बेनामी संपत्तियों को एवं दो बेनामी बैंक खातों को बेनामी संपत्ति संव्यवहार निषेध अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत प्रोविजनल रूप से अटैच कर चुकी है. इन अटैचमेंट्स के द्वारा इन गाँवों में कुल 25.43 हेक्टेयर बेनामी जमीन अटैच की गयी है. इन जमीनों का बाजार मूल्य करीब 100 करोड़ रूपए बताया जा रहा है.

आयकर निदेशक, आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण की जांच में यह सामने आया था कि कूकस और खोरामीना गाँवों में रामजीलाल मीणा और रामधन मीणा के नामों से जमीनों में बड़ा निवेश किया गया था लेकिन उनकी हैसियत यह निवेश करने की नहीं थी. इसलिए यह मामला जांच के लिए बेनामी निषेध यूनिट को सौंपा गया है. अलग से खुलवाएं बैंक खाते बेनामी निषेध यूनिट की जांच में यह सामने आया कि इन जमीनों को खरीदने के लिए रामजीलाल मीणा और रामधन मीणा के नामों से सरदार पटेल मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक और राजापार्क स्थित पंजाब नेशनल बैंक में अलग अलग खाते खुलवाए गए. फिर इन खातों में नगद जमा करवाकर या अन्य कंपनियों से लोन की एंट्रीज़ लेकर इन जमीनों को खरीदने के लिए भुगतान किये गए.

रामजीलाल मीणा के नाम से कुल 29 जबकि रामधन मीणा के नाम से कुल 33 जमीनें खरीदी गयीं. रामजीलाल मीणा के नाम से ये जमीनें खरीदने के लिए कुल 20.63 करोड़ रूपए का निवेश किया गया जिसमें से 16.27 करोड़ रूपए का निवेश नगद में किया गया. इसी प्रकार से रामधन मीणा के नाम से ये जमीनें खरीदने के लिए कुल 14.42 करोड़ रूपए का निवेश किया गया जिसमें से 6.46 करोड़ रूपए का निवेश नगद में किया गया.

पत्नी के नाम से भी निवेश 

बेनामी निषेध यूनिट की जांच में ये भी सामने आया कि रामधन मीणा की पत्नी सीता देवी के नाम से भी 2 संपत्तियां खरीदी गयीं जिसके लिए कुल 3.90 करोड़ रूपए का निवेश किया गया जिसमें से 1.54 करोड़ रूपए का निवेश नगद में किया गया. इस प्रकार से कुल 64 जमीनें इन तीन लोगों के नामों से खरीदने में कुल 38.95 करोड़ रूपए का निवेश किया गया जिसमें से 24.27 करोड़ रूपए का निवेश नगद में किया गया.


राम कृपाल सिसोदिया निकला असली मालिक

इसी बीच आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा के द्वारा राम कृपाल सिसोदिया के जयपुर में जगतपुरा स्थित आवास पर की गयी सर्च में प्राप्त दस्तावेजों से यह साबित हुआ कि सिसोदिया ही इन तीनों व्यक्तियों के नामों से खरीदी और वो ही इन बेनामी जमीनों के असली मालिक हैं. इन 64 में से अधिकतर संपत्तियों की खरीद के लिए इन व्यक्तियों की तरफ से राम कृपाल सिसोदिया ने ही स्पेशल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के नाते हस्ताक्षर किये हैं. राम कृपाल सिसोदिया के द्वारा ही इन व्यक्तियों के नामों से बैंक खातों का संचालन किया जा रहा था. इसलिए कोटक महिंद्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के दो बेनामी बैंक खाते भी बेनामी निषेध यूनिट ने अलग से अटैच किए हैं.