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गहलोत सरकार के इस मंत्री ने खुद को बताया भगवान राम का वंशज, बताया पूरा इतिहास

प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि हम भगवान राम के बेटे कुश की संताने हैं. हम सूर्यवंशी राजपूत भगवान राम के वंशज है.

Updated on: 13 Aug 2019, 08:51 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के दो राजघरानों द्वारा खुद के राम का वंशज होने का दावा करने के बाद राजस्थान के परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने दावा किया कि वह और उनका परिवार भी राम का वंशज है. प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि हम भगवान राम के बेटे कुश की संताने हैं. हम सूर्यवंशी राजपूत भगवान राम के वंशज है, इसमें कोई दो राय नहीं है. कुशवाह वंश के सूर्यवंशी राजपूत कालान्तर में कच्छवा कहलाये, हमारा परिवार भी भगवान राम का वंशज है. खाचरियावास ने कहा, 'राजावत, शेखावत और सभी कच्छवा भगवान राम की संतान है. भगवान राम की संताने पूरी दुनिया में मिलेगीं.'

उन्होंने कहा, 'सूर्यवंशियों में अयोध्या का अंतिम राजा सुमित्र था. सुमित्र के वंशजों ग्वालियर से थे. सूर्यसेन के वंशज नर राजा ने मध्यप्रदेश में नरवर बताया, देवानिक का पुत्र ईशदेव राजवंश का आदिपुरूष है इसको ग्वालियर व नरवर का भी राजा माना गया है.'

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इसके साथ ही गहलोत के मंत्री ने कहा, 'ईशदेव के पुत्र सोधदेव और सोधदेव के पुत्र दुलेराय का विवाह दौसा के पास गढ़मोरा के राजा की बेटी से हुआ था. सन् 1023 में दुलेराय में दौसा के बाद खोनागोरियान के राजा को परास्त किया, इसके बाद माच के राजा नाथू को हराकर जमवा रामगढ़ बसाया. यहां जमवाय माता का मंदिर भी बनवाया. दुलेराय के पुत्र काशीदेव ने सन् 1036 में आमेर के राजा को परास्त कर आमेर को अपनी राजधानी बनाया. आमेर के राजा के बाद में अलग-अलग संतानें हुई, जो बाद में जाकर कच्छवा वंश के शेखावत, राजावत, नाथावत, खंगारोत आदि कहलाये. इन सभी ने अलग-अलग जगहों पर अपने ठिकाने बसा लिये. जयपुर की बसावट में भगवान राम का पूरा असर नजर आता है.

खाचरियावास ने कहा कि भगवान राम के वंशज जो कुश की संताने हैं वो पूरी दुनिया में मिलेगी. यदि सुप्रीम कोर्ट प्रमाण मांगेगा तो इस तरह के प्रमाण उपलब्ध भी करा दिए जायेंगे.