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राजस्थान में महिलाओं के प्रति स्कूली बच्चों को संवेदनशील बनाने की पहल

राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह की माने तो अगले शैक्षिक सत्र से 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के बारे में पढ़ेंगे.

Updated on: 21 Jul 2019, 10:47 AM

highlights

  • राजस्थान में स्कूली बच्चे पढ़ेंगे महिला अपराध पर सबक.
  • अगले सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल होगा एक चैप्टर.
  • राज्य में खाली पड़े शिक्षकों के एक हजार पद भी भरे जाएंगे.

नई दिल्ली.:

कहते हैं बच्चों में बचपन से जैसे संस्कार पड़ जाते हैं, बड़े होने पर वह उसी के अनुरूप आचरण करते हैं. संभवतः इसी बात से प्रेरित होकर राजस्थान सरकार बचपन से ही बच्चों को महिला की इज्जत करने का पाठ पढ़ाएगी. राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह की माने तो अगले शैक्षिक सत्र से 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के बारे में पढ़ेंगे. इसके लिए तैयारियां जारी हैं और अगले शैक्षिक सत्र से एक चैप्टर पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इसकी मदद से बच्चों में जागरूकता तो आएगी ही, वह महिलाओं का सम्मान करना भी सीखेंगे.

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अशोक गहलोत भी जता चुके हैं चिंता
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में महिलाओं की स्थिति बेहद खतरे में है. बीते छह महीने में ही बलात्कार की 24 हजार घटनाएं हुई हैं. ऐसे में बच्चों को जागरूक करने के लिए महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर एक चैप्टर पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाएगा. सीएम की इस घोषणा के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने कहा था कि 2020-21 के शैक्षणिक सत्र से संबंधित चैप्टर को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा.

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शिक्षकों के खाली पड़े पद भी भरे जाएंगे
इसके साथ ही राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी प्रयास करने का आश्वासन भी दिया था. इसके तहत सरकारी शिक्षकों के खाली पड़े एक हजार पद शीघ्र भरे जाएंगे. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने विधानसभा में बताया था कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 6,500 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 4,500 पदों पर शिक्षक काम कर रहे हैं, जबकि दो हजार पद खाली पड़े हैं. इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में सीटों की संख्या 37 हजार की जाएगी.