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Rajasthan Student Union Election 2019: अधिकतर कॉलेजों में लहराया ABVP का परचम

वहीं राजस्थान का सबसे पुराना और सबसे बड़ा सरकारी विश्वविद्यालय यानी राजस्थान यूनिवर्सिटी में लगातार चौथी बार निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी है

Updated on: 29 Aug 2019, 08:11 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान के छात्रसंघ चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. इस बार बीजेपी के छात्रसंगठन एबीवीपी ने बाजी मारी है. 9 बड़ी यूनिवर्सिटी और करीब 1200 प्राइवेट और सरकारी कॉलेज में हुए चुनाव में अधिकतर एबीवीपी ने ही बाजी मारी है. युवाओं में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का असर देखा गया और उन्होंने एबीवीपी प्रत्याशियों को जमकर वोट दिए. कुछ यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में तो एबीवीपी के पूरे पैनल ने ही परचम लहराया है. अजमेर,भरतपुर,बीकानेर और उदयपुर यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के अध्यक्ष ने जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के छात्रसंघटन एनएसयूआई को करारी हार का सामना करना पड़ा. किसी बड़े विश्वविद्यालय में अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने के लिए एनएसयूआई तरस गई है.

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वहीं राजस्थान का सबसे पुराना और सबसे बड़ा सरकारी विश्वविद्यालय यानी राजस्थान यूनिवर्सिटी में लगातार चौथी बार निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी है. पूजा वर्मा ने एनएसयूआई से बागी होकर चुनाव लड़ा था. 2016 में ABVP बागी उम्मीदवार के अंकित धायल के द्वारा शुरू हुई यह परंपरा बदस्तूर जारी है. इसी के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआई को मात खानी पड़ी है. इससे पहले साल 2017 में एबीवीपी के ही बागी उम्मीदवार अंकित घायल ने यहां बड़ी जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2018 में एनएसयूआई से बगावत कर प्रत्याशी बने विनोद जाखड़ ने एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों को हराया था.

इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अमित कुमार बड़बड़वाल (2975) और एनएसयूआई के उत्तम चौधरी (3214) को मात देकर एनएसयूआई से टिकट नहीं मिलने से नाराज निर्दलीय प्रत्याशी बनी पूजा वर्मा (3890) ने करारी शिकस्त दी.

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वहीं दूसरी तरफ राजस्थान विश्वविद्यालय के अपेक्स महासचिव पद पर एनएसयूआई के महावीर प्रसाद गुर्जर ने जीत दर्ज की है. इसी के साथ उपाध्यक्ष के पद पर एनएसयूआई की उम्मीदवार प्रियंका मीणा ने 4325 वोटों के साथ जीत हासिल की है. लॉ कॉलेज से अध्यक्ष पद पर राजेंद्र गोरा, इवनिंग लॉ कॉलेज से शुभम चौधरी,
महाराज कॉलेज से राहुल यादव, महारानी से आकृति तिवाड़ी, राजस्थान कॉलेज से रोशन मीणा, कॉमर्स कॉलेज से गुलशन मीणा विजयी रहे हैं.
शोध छात्र प्रतिनिधि के पद पर कल्पेश चौधरी ने अपने प्रतिद्वंदी विक्रम थालोर को हराया है.

वैसे देखा जाए तो सत्तारुढ दल कांग्रेस के लिए ये परिणाम बेहद चौंकाने वाले है, क्योंकि इससे युवा वोटर्स के मूड का साफ पता चल गया है. ऐसे में आगामी निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए राष्ट्रवाद मुद्दा बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.