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शर्मसार राजस्थान! झकझोर कर रख देंगे मासूमों के साथ बढ़ रहे यौन शोषण के मामले

महिला अत्याचार का सबसे गंभीर पहलू यह है कि नाबालिग बच्चियों के प्रति यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं.

Updated on: 12 Oct 2019, 12:44 PM

नई दिल्ली:

कभी राजस्थान महिलाओं के सम्मान और बलिदान के लिए पहचाना जाता था, लेकिन आज वहां की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. अपराध के ताज़ा आंकड़ों से सामने आए सच और महिला अत्याचार की घटनाओं ने हर संवेदनशील व्यक्ति को अन्दर तक हिलाकर रख दिया है. महिला अत्याचार का सबसे गंभीर पहलू यह है कि नाबालिग बच्चियों के प्रति यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं.

जयपुर में आयोजित बाल संरक्षण आयोग के कार्यक्रम में बालिकाओं के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जाहिर की गई. बाल विवाह को रोकने पोक्सो एक्ट का सही तरीके से कैसे पालन हो इन तमाम बिंदुओं को लेकर चिंतन और मंथन हुआा. छोटी बच्चियों को बेड टच और गुड टच के बारे में भी बताया गया. मगर यह पूरा कार्यक्रम केन्द्रित हो गया इस चिंता को लेकर कि आखिर राजस्थान में लगातार छोटी बच्चियों के प्रति यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ते क्यों जा रहे हैं. सरकार की ओर से तमाम प्रयास करने के दावे किए जा रहे हैं, कठोर से कठोर कानून लाने की कवायद हो रही है, बावजूद इसके प्रदेश में बालिकाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है. घर की दहलीज से लेकर खेल के मैदान तक, स्कूल से लेकर गार्डन तक गली गांव चौराहे हर जगह छोटी बच्चियों के प्रति यौन हिंसा की वारदातें बढ़ती जा रही है. बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का कहना है कि यह बेहद गंभीर विषय है. हम कानून के साथ-साथ समाज की मानसिकता का भी पता लगा रहे हैं कि आखिर यह हैवानियत बढ़ती क्यों जा रही है.
बाल आयोग की अध्यक्ष ने विश्वास जताया है कि हम इन घटनाओं पर जरूर काबू पाएंगे.

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अलवर में चौबीस घंटों के बीच नाबालिग बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटना

जिस वक्त प्रदेश और देश में रावण दहन किया जा रहा था उसी वक्त राजस्थान के आदिवासी जिले बांसवाड़ा में एक मासूम के साथ रावण दरिंदगी कर रहा था. यह कुछ दिन पहले करौली जिले में थानागाजी की तर्ज पर एक बालिका के साथ कुछ लोगों के छेड़छाड़ करते हुए वायरल वीडियो में नजर आए दिल दहला देने वाली घटना है जो राजस्थान को शर्मसार कर रही है. समाज की गिरती मानसिकता को उजागर कर रही है. बदमाशों के बुलंद हौसलों की नजीर पेश कर रही हैं वहीं खाकी के घटते इकबाल को भी बयां करती है. यह घटनाएं तो महज बानगी भर है. आलम यह है कि राजस्थान में हर दिन करीब आधा दर्जन घटनाएं नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की हो रही हैं. पिछले साल की तुलना में महिला अत्याचार की घटनाओं में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार विशेषकर छोटी बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर बीजेपी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है.

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लगातार 4 साल, अपराधियों में खौफ पैदा नहीं कर पाई पुलिस

2016 में महिला अत्याचार के कुल 28,333 मामले थे जिसमें जयपुर-अलवर के बाद गंगानगर 1373 प्रकरणों के साथ तीसरे, अजमेर 1320 मामलों के साथ चौथे, जबकि भीलवाड़ा 1192 प्रकरणों के साथ पांचवे नंबर पर था. वहीं 2017 में महिला अत्याचार के कुल 25, 560 मामले आए थे, जिसमें जयपुर-अलवर के बाद तीसरे पायदान पर अजमेर 1239, चौथे पर भीलवाड़ा 1163 और भरतपुर 1136 प्रकरणों के साथ पांचवे पायदान पर रहा.

इसके बाद 2018 में महिला अत्याचार के कुल 27,593 मामले आए जिसमें पहले दूसरे पायदान पर जयपुर-अलवर रहे, अजमेर 1367 मामलों के साथ तीसरे, 1212 प्रकरणों के साथ भीलवाड़ा चौथे और 1175 प्रकरणों के साथ गंगानगर पांचवे पायदान पर था.

2019 के आंकड़ों के हिसाब से भी जयपुर अलवर इन मामलों में पहले और दूसरे स्थान पर हैं. इसके बाद अजमेर 614 प्रकरणों के साथ तीसरे और उदयपुर
610 प्रकरणों के साथ चौथे पायदान पर रहा, जबकि भरतपुर 578 मामलों के साथ पांचवें पायदान पर रहा.

जयपुर-अलवर: डरा रहे हैं महिला अत्याचार के आंकड़े

     जिला          वर्ष 2016 ------- वर्ष 2017 ------- वर्ष 2018 ---- वर्ष 2019

जयपुर कमिश्नरेट      2200              1825             2022            1105


अलवर                1512              1686               1774            1200


प्रदेश में महिला अपराध के हालात

अपराध                  वर्ष 2016          वर्ष 2017           वर्ष 2018         वर्ष2019 तक


दहेज हत्या ---------- 462 ----------- 457 ---------- 404 --------------- 346

दहेज आत्महत्या ----- 167 ----------- 153 ---------- 153 ---------------- 76

महिला उत्पीडऩ ----- 13811 -------- 11508 ------- 12250 ------------- 8947

छेड़छाड़ ------------- 4839 -------- 4883 -------- 5249 -------------- 3894

बलात्कार ----------- 3656 -------- 3305 -------- 4335 ------------- 2978

अपहरण ------------ 4010 ------- 3837 --------- 4247 ------------- 2756

अन्य --------------- 1388 ------- 1417 ----------- 956 ------------- 567