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राजस्थान में अब मिलावटखोरों की खैर नहीं, सरकार ने छेड़ा ये विशेष अभियान

दूध, पनीर, सब्जियां, नकली दवा बाजार में इस कदर खपाये जा रहे हैं कि जनता मिलावटी सामान से बच नही पा रही है

Updated on: 18 Jan 2020, 05:08 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान में मिलावट खोर आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आलम यह है कि खाद्य से लेकर पेय पदार्थ तक सुरक्षित नही है. दूध, पनीर, सब्जियां, नकली दवा बाजार में इस कदर खपाये जा रहे हैं कि जनता मिलावटी सामान से बच नही पा रही है, स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करता है मगर मिलावटखोरों में कोई खौफ नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि इन मिलावटखोरों के खिलाफ मौजूद कानून कठोर सजा नहीं दिला पा रहा है. मगर अब गहलोत सरकार मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है. अगर अब किसी भी दुकानदार के सामान में मिलावट पाई गई तो उसके खिलाफ राजस्थान सरकार रासुका के तहत कार्रवाई करेगी.

जयपुर समेत पूरे प्रदेश की खाद्य सामग्री में जहर बिक रहा है. चिकित्सा विभाग ने कई बार अभियान चलाकर मिलावटखोरों को खाद्य सामग्रियों में मिलावट रोकने का दावा तो कर रहा है, लेकिन सच्चाई ये है कि कार्रवाईयों से इतर मिलावटखोर नए-नए तरीकों से जनता को बेखौफ जहर बेच रहे है. घर की खाने की थाली मिलावटियों के चंगुल में है. जी हां, प्रदेश में नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थ घर-घर पहुंच रहे हैं. दाल, घी, दूध जैसी रोजमर्रा की चीजें भी मिलावट से अछूती नहीं रह गई हैं.

आलम यह है बाजार में बिकने वाला दूध मिलावटी ही नही बल्कि जानलेवा भी हो चुका है. दूध के 41 प्रतिशत सैम्पल फेल पाए गए हैं, दूध में कैंसर फैलाने वाले तत्वों की उपस्थिति मिली है. प्रदेश में 5 अगस्त 2011 से फूड सेफ्टी एक्ट लागू होने के बाद भी चिकित्सा विभाग मिलावटखोरी रोकने में नाकाम है. सरकार मिलावटखोरी और मुनाफाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा तो कर रही है लेकिन मिलावटखोर आमजनों के स्वास्थ्य के साथ जमकर खेल रहे हैं. मिठाई में नकली मावे का प्रयोग
किया जा रहा है, तो सब्जी बनाने वाले मसाले भी इस मिलावट से अछूते नहीं रह गए हैं.

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राजस्थान सरकार ने मिलावटखोरों से निपटने का एक एक्शन प्लान तैयार किया है. प्रदेश भर में मिलावट को रोकने के लिए खाद्य सामग्रियों के सैंपल जुटाए जा रहे हैं. अगर कहीं भई खाद्य पदार्थों में मिलावट पाई गई तो राज्य सरकार इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. सरकार के इस अभियान के बाद अब मिलावटखोरों की खैर नहीं. सूबे में मिलावटी समान बेचने वालों के खिलाफ अब रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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राजस्थान सरकार अपने इस विशेष अभियान के तहत सूबे की मिठाइयों की दुकानों और मावा या पनीर बनाने वाले कारखानों से सैंपल जुटा रही है. दूषित पनीर और दूध से तैयार किए गए मावे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा घी, सॉस, दालें और मसालों में हो रही मिलावट के सैंपल भी लिए जा रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि स्वास्थ्य महकमा मिलावटखोरी को रोकने के लिए गम्भीर है अब इन मिलावटखोरों को बक्शा नही जाएगा. सरकार यह सारी कवायद 'निरोगी राजस्थान' अभियान के तहत कर रही है.

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सीएम अशोक गहलोत 'निरोगी राजस्थान' के लक्ष्य के लिए लगतार दिशा निर्देश दे रहे हैं. 'निरोगी राजस्थान' की अवधारणा के तहत प्रदेश में मिलावट पर प्रभावी रोकथाम तथा खाद्य सुरक्षा के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठाएगी. सूबे के सरकारी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए दिए जा रहे मिड डे मील को सर्टिफाइड करने का भी परीक्षण किया जाएगा. साथ ही सचिवालय सहित अन्य कार्यालयों एवं संस्थानों को ईट-राइट कैम्पस के रूप में बदला जाएगा. आमजन की सेहत के साथ होने वाले खिलवाड़ राज्य सरकार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी. रासुका में मुकदमें दर्ज होने के बाद विभाग के अधिकारियों को लगातार मॉनीटरिंग के निर्देश भी दिए गए हैं मगर मिलावटखोरों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि कार्रवाई के दौरान लगातार आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की तस्वीरें सामने आ रही हैं.