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राजस्थान सरकार ने जारी की ये खास नीति, इलाज के लिए ऐसे मिलेगा फायदा

पीड़ित की मौत पर उत्तराधिकारी को 2 लाख की सहायता का प्रावधान किया है, साथ ही अंतिम संस्कार के लिए भी 10 हजार रुपए दिए जाएंगे.

Updated on: 04 Oct 2019, 11:50 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में सिलिकोसिस नीति जारी कर दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिरला ऑडिटोरियम में गांधी सप्ताह के उद्धाटन समारोह में सिलिकारेसि नीति
को जारी किया. सिलिकोसिस से पीड़ितों के इलाज, पुनर्वास के लिए सरकार ने सिलिकोसिस नीति बनाई है. इस नीति के तहत सिलिकोसिस पीड़ित को पुनर्वास के लिए 3 लाख रुपए देने का प्रावधान किया है. पीड़ित की मौत पर उत्तराधिकारी को 2 लाख की सहायता का प्रावधान किया है, साथ ही अंतिम संस्कार के लिए भी 10 हजार रुपए दिए जाएंगे.

सिलिकोसिस पीड़ित को मुख्यंमत्री विशेष योग्यजन पेंशन का लाभ मिलेगा. पीड़ित की मौत होने पर पत्नी को विधवा पेंशन और पालनहार योजना का लाभ मिलेगा. सिलिकोसिस पीड़ित के परिवार के सदस्यों को आस्था योजना के तहत लाभ दिया जाएगा. पीड़ित को मुफ्त जांच और दवा की सुविधा मिलेगी. सिलिकोसिस रोगियों के इलाज के लिए अलग से पोर्टल बनाया गया है, जिस पर रजिस्ट्रेशन होगा. डॉक्टर से सिलिकोसिसस पीड़ित लेने के बाद इस नीति के तहत सुविधांए मिलनी शुरु हो जाएंगी.

कारखानों में काम करने वाले हजारों मजदूर सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं. इस लाइलाज बीमारी से निजात दिलाने के लिए राजस्थान सरकार अब नई सिलिकोसिस नीति 2019 लेकर आई है. इस नीति के लागू हो जाने के साथ ही सिलिकोसिस से पीड़ित मरीजों को आर्थिक मदद मिलेगी और मौत के शिकार होने वालों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. राजस्थान में 33 हजार से ज्यादा खदानें हैं जहां पर लाखों मजदूर कार्य करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं.

कारखानों में पत्थर तोड़ने और अन्य निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली डस्ट जब श्वांस के जरिए शरीर में जाती है तो सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी हो जाती है. राजस्थान में 11 हजार से ज्यादा मजदूर सिलिकोसिस से पीड़ित हैं और अब तक 1600 मजदूरों की सिलिकोसिस के कारण मृत्यु हो चुकी है. नई सिलिकोसिस नीति के तहत राज्य सरकार अब सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों को विधवा पेंशन योजना, निश्क्तजन लाभ और पालनहार योजना का लाभ भी देगी. साथ ही खदान क्षेत्र के दो किलोमीटर परिधि में रहने वाले परिवार इसके दायरे में शामिल हो सकेंगे.

राज्य सरकार जनजागरुकता अभियान भी चलाएगी ताकि मजदूर बचाव के उपाय कर सकें. नीति के तहत पीड़ितों और उनके आश्रितों को स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग देने का अभियान चलेगा. कारखानों में मजदूरों को डस्ट से बचाव के उपकरण लगवाने के लिए गाइडलाइन बनाई गईं हैं. बता दें, इस नीति को जारी करने वाला राजस्थान हरियाणा के बाद दूसरा राज्य ब गया है.