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राजस्थान : लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजने पर मुस्लिम महिलाओं ने दर्ज की आपत्ति, छिड़ा विवाद

विरोध कर रहे अश्फाक कायमखानी ने कहा कि इस्लाम के अनुसार, नवजात शिशु के कान में पहली आवाज अजान की जानी चाहिए

Updated on: 15 May 2019, 08:11 PM

highlights

  • गायत्री मंत्र की धुन पर छिड़ा विवाद
  • मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने जताई आपत्ति
  • गायत्री मंत्र की धुन से प्रसूतियों को दर्द से राहत मिलती है

नई दिल्ली:

सवाई माधोपुर जिला अस्पताल में प्रसव कक्ष में बजने वाली धुन इन दिनों विवाद का कारण बन गया है. सवाई माधोपुर जिला अस्पताल में विभाग द्वारा लेबर रूम में संगीत का धुन भेजा गया था. प्रसव के दौरान महिला को होने वाले दर्द से ध्यान भटकाने के लिए एक धुन निश्चित की गई थी. जो सभी सरकारी अस्पताल के प्रसव रूम में बजाई जाती है. लेकिन कुछ अल्पसंख्यक ने शिकायत की है कि यह गायत्री मंत्र की धुन है.अब यह धुन विवादों के घेरे में आ गई है. 

धुन प्रसूतियों के दर्द कम करने के लिए सुनाई जाती है

जिला अस्पताल के पीएम रंग लाल मीणा से इसके बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि ऐसी कोई भी धुन का बजना सामने नहीं आया. जबकि इस प्रकार की कोई शिकायत भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दर्ज नहीं कराई गई. पीड़िता से भी पूछा गया, लेकिन पीड़िता ने इस प्रकार की कोई भी धुन बजने से इंकार कर दिया. इस पूरे मामले में कुछ लोगों ने चिकित्सा मंत्री से भी शिकायत की है. इसको लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा है यह धुन सिर्फ लेबर रूम में महिलाओं के दर्द कम करने के लिए सुनाई जाती है. इसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया जाना है.

मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई है

राजस्थान में मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने दो सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से शिकायत की है कि उन्हें गायत्री मंत्र सुनने को कहा गया डॉक्टरों का तर्क था कि इससे लेबर पेन से पीड़ित महिला को आराम मिलता है. सवाई माधोपुर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. तेजराम मीणा ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम अपने जिला अस्पताल में लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाते हैं. जल्द ही हम इसे जिले के दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों के सभी 20 लेबर रूम में भी लागू करेंगे. उन्होंने तर्क दिया कि अगर एक महिला गायत्री मंत्र सुनती है तो उसे लेबर पेन महसूस नहीं होता. एक साल से भी ज्यादा समय से सिरोही जिला अस्पताल के लेबर रूम में डिलिवरी के वक्त महिलाओं को गायत्री मंत्र सुनाया जा रहा है.

धार्मिक धुन बजाने का निर्देश नहीं दिया है

उदयपुर में भी सरकार द्वारा चलाए जाने वाले मेडिकल कॉलेज के लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाने की तैयारी चल रही है. उदयपुर जिले के प्रजनन और बाल स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक आदित्य ने कहा कि हम जल्द ही लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाएंगे. किसी धार्मिक धुन बजाने का निर्देश नहीं दिया. हालांकि इस पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जिला अधिकारियों को किसी धार्मिक धुन बजाने का निर्देश नहीं दिया है. विशेष सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. समित शर्मा ने दावा किया कि राज्य सरकार ने सिर्फ लेबर रूम में हीलिंग और मेडिटेशन धुन बजाने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र सुनाए जाने की शिकायतों की जांच की जाएगी.

नवजात के कान में पहली आवाज अजान की जानी चाहिए

डॉ. समित शर्मा ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं और ऐसी चीजों की सिफारिश कतई नहीं की जा सकती है. हमने अपने अथॉरिटीज को लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजाने का कोई निर्देश नहीं दिया है, बल्कि हमने अपने ऑडियो भेजे हैं. जिसमें हीलिंग और मेडिटेशन धुन है. यह संभव है कि कुछ अधिकारी वह ऑडियो इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं जो हमने उन्हें दिए थे. हम मामले की जांच करेंगे. मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने इस अभ्यास के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया है. विरोध कर रहे अश्फाक कायमखानी ने कहा, 'इस्लाम के अनुसार, नवजात शिशु के कान में पहली आवाज अजान की जानी चाहिए.