logo-image

राजस्थान के 5 जिले में आई बाढ़ से स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया हवाई दौरा

5 जिलों में बाढ़ के हालातों के मद्देनजर एक ओर जहां सेना, SDRF, NDRF, स्थानीय प्रशासन ने मोर्चा संभला

Updated on: 16 Sep 2019, 06:13 PM

राजस्थान:

राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है. यहां नदी-नाले उफान पर हैं. राज्य के 5 बड़े बांध कोटा बैराज, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर और माही बजाज के सभी गेट खोलने पड़े हैं. बीसलपुर बांध के भी 18 में से पहली बार 17 गेट खोले गए हैं. कोटा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ, झालावाड़ में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. यहां सेना-एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाला है. बारां, झालावाड़ में सोमवार को स्कूल को बंद कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें - प्रवर्तन निदेशालय ने डीके शिवकुमार की जमानत का किया विरोध, विशेष अदालत में कही ये बात

5 जिलों में बाढ़ के हालातों के मद्देनजर एक ओर जहां सेना, SDRF, NDRF, स्थानीय प्रशासन ने मोर्चा संभला है, वहीं आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया. इस दौरान मंत्री भंवरलाल मेघवाल और शांति धारीवाल भी साथ रहे. अशोक गहलोत ने प्रशासन को निर्देश दिए. बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष फोकस किया जाए. किसी भी तरह की परेशानी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को नहीं आनी चाहिए.

यह भी पढ़ें - दिल्ली की सड़क पर लड़की का हाईवोल्टेज ड्रामा, कहा- चालान काटा तो सुसाइड कर लूंगी

वहीं मौसम विभाग का कहना है कि बाढ़ की एक बड़ी वजह बारिश के साथ साथ ही बांधों से एक साथ पानी छोड़ना भी रहा. हालांकि मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है कि आने वाले 10 दिनों में बाढ़ प्रभावित जिलों में बारिश नहीं होगी. 

- कोटा में पानी चंबल नदी से करीब 100 फीट ऊपर बने मकानों की तरफ बढ़ रहा है. शहर के कई इलाकों में पानी 8 से 10 फीट तक पहुंच गया.

- चित्तौड़गढ़ में बेगूं कस्बा टापू बना है. कस्बे के सभी मार्ग बंद हो गए हैं. बेगूं में इस सीजन में 1747 मिमी बारिश हो चुकी है. इतनी बारिश गत
50 साल में भी नहीं हुई थी. चित्तौड़गढ़ के मऊपुरा आदर्श विद्या मंदिर स्कूल के 350 बच्चे और 50 शिक्षक-स्टाफ शनिवार से फंसे हुए थे. उन्हें स्थानीय लोग भोजन-पानी मुहैया करा रहे थे. प्रशासन का कहना है कि वे सुरक्षित हैं. एनडीआरएफ की टीम उन्हें सुरक्षित निकाल लिया है.

- बूंदी के बसोली में गुढ़ा बांध के रविवार को 4 गेट 6 फीट तक खोले गए. 12 गांवों में हाईअलर्ट है.

- झालावाड़ के चौमहला, गंगधार, रायपुर क्षेत्र में घरों में पानी भरा. सेना के 70 जवानों ने चौमहला क्षेत्र में मोर्चा संभाला.

- बारां में पार्वती, कालीसिंध और परवन नदी के उफान पर रहने से कई कस्बों से संपर्क कटा. पलायथा और सीसवाली कस्बे की निचली बस्तियों में पानी घुसा. प्रशासन ने घर छोड़ने को कहा.

मौसम विभाग का कहना है कि अक्सर 1 सितंबर तक मानसून प्रदेश से विदा ले लेता था, लेकिन इस बार वायुदाब बना हुआ है. लिहाजा बारिश का दौर सितम्बर तक जारी रहेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित जिलों के कर्मचारियों के अवकाश निरस्त किये हैं. गहलोत ने मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ से भी बात की और आशा जताई कि दोनों राज्य बचाव कार्यों में कमी नहीं आने देंगे. गहलोत ने बूंदी, कोटा, झालावाड़ और धौलपुर के बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया. इस दौरान आपदा राहत मंत्री भंवरलाल मेघवाल और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी साथ रहे.

मध्यप्रदेश में बारिश से राजस्थान में मुश्किल

मध्यप्रदेश में हो रही लगातार बारिश के चलते 13 साल बाद कोटा बैराज के सभी 19 गेट खोलने पड़े. कोटा बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे चंबल किनारे बसी निचली बस्तियां जलमग्न हो गई. सेना, एनडीआरएफ और नगर निगम की टीमों ने करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.