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दिल्ली हिंसा में मारे गए हेड कांस्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा देगी सरकार

राजधानी दिल्ली में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर हुए हिंसक विरोध में मारे गए दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल रतनलाल को सरकार शहीद का दर्जा देगी

Updated on: 26 Feb 2020, 01:03 PM

नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर हुए हिंसक विरोध में मारे गए दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल रतनलाल को सरकार शहीद का दर्जा देगी. बता दें कि रतनलाल का परिवार उन्हें शहीद का दर्ज देने की मांग को लेकर बुधवार को धरने पर बैठ थे. सीकर जिले के सदीनसर गांव में ग्रामीण रतनलाल को ने शहीद के दर्जे के लिए जाम और प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद सीकर के सांसद सुमेधानंद महाराज ने उन्हें शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया. इस मौके पर झुंझुनू सांसद नरेंद्र कुमार और सीकर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश नारायण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे. 

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 दिल्ली में भड़की हिंसा के दौरान जैसे ही रतनलाल के शहीद होने की सूचना मिली तो सीकर जिले के सदीन सरगांव के तिहावली गांव में शोक की लहर छा गई थी. इसके बाद जब गांव और जिले के लोगों को पता चला कि हेड कांस्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा रहा है तो सदीन सरगांव और तिहावली गांव के लोग सड़क पर उतर आए.

बाद में गांव के लोगों ने फतेहपुर झुंझुनू मंडावा जाने वाली मुख्य रोड पर बैठ कर प्रदर्शन करने लगे और जाम कर दिया. आज सुबह है करीब 5:00 बजे के आसपास शहीद रतन लाल का पार्थिव देह भी गांव सदीन सर पहुंचा, मगर प्रदर्शनकारियों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया.

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक शहीद का दर्जा केंद्र सरकार की ओर से शहीद रतन लाल को नहीं मिलेगा, हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. गाड़ी में ही शहीद रतन लाल की पार्थिव देह को रखकर रोड पर ही प्रदर्शनकारी जाम लगा कर बैठ गए.

सीकर सांसद सुमेधानंद झुंझुनू सांसद नरेंद्र कुमार सीकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर वशीकरण पुलिस अधीक्षक सहित फतेहपुर विधानसभा के पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया सहित कई प्रतिनिधि भी वहां पर मौजूद रहे और प्रदर्शनकारियों से और सरकार के बीच वार्ता का काम करते रहे. आखिरकार प्रदर्शनकारियों की मेहनत रंग लाई और केंद्र सरकार ने शहीद रतन लाल को शहीद की घोषणा के साथ-साथ शहीद के मिलने वाले पैकेज की भी घोषणा की.

सांसद सुमेधानंद महाराज ने मीडिया और प्रदर्शनकारियों के सामने सीकर सांसद सुमेधानंद महाराज जी ने घोषणा करते हुए बताया कि शहीद रतन लाल के परिवार में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और वह एक करोड़ रूपए का पैकेज और अन्य सभी सारी सुविधाएं जो एक शहीद को मिलती है वह केंद्र सरकार ने लिखित में हमें भेज दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर से जाम हटाया और शहीद रतन लाल जिंदाबाद के नारे लगाए.

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बता दें कि दिल्ली के भजनपुरा में हुई हिंसा के दौरान रतनलाल की मौत हो गई थी, वो राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे. बुधवार को उनके परिवार ने पैतृक गांव जाने वाले रास्ते पर जाम लगा दिया.हेड कांस्टेबल रतन लाल (42) सहायक पुलिस आयुक्त, गोकलपुरी के कार्यालय से जुड़े हुए थे. हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे और 1998 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है.