logo-image

अलवर रेप और हत्‍या मामला : पॉक्‍सो कोर्ट ने आरोपी को सुनाई सजा-ए-मौत

चार साल पहले 2015 में पांच वर्षीय एक बच्‍ची से दुष्‍कर्म किया गया था और फिर उसकी हत्‍या कर दी गई थी.

Updated on: 13 Jun 2019, 07:04 AM

जयपुर:

अलवर रेप और हत्‍या के केस में पॉक्‍सो कोर्ट ने आरोपी राजकुमार उर्फ धर्मेंद्र को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्‍सो कोर्ट संख्या 1 में न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने यह फैसला सुनाया. चार साल पहले 2015 में पांच वर्षीय एक बच्‍ची से दुष्‍कर्म किया गया था और फिर उसकी हत्‍या कर दी गई थी. घटना अलवर के बहरोड़ के रिवाली का है.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या

राजस्थान के बहरोड तहसील जिला अलवर के रेवाली गांव में 1 फरवरी 2015 को राजकुमार नाम के द्वारा पड़ोस में रहने वाली 5 वर्षीय बालिका को टॉफी देने के बहाने पास के खंडहर नुमा मकान में ले जाकर दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के बाद बालिका की भारी पत्थर उसके सिर में मारकर हत्या कर दी गई. घटना में पुलिस थाना बहरोड द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 363,365 ,201 ,376 ,302 एवं पोक्सो अधिनियम की धारा 4 / 8 में आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया था, जिस पर न्यायालय ने दोषी सिद्ध करते हुए धारा 201 भारतीय दंड संहिता में 7 साल के कठोर कारावास व ₹5000 के जुर्माने धारा 363 भारतीय दंड संहिता में 7 साल के कठोर कारावास व ₹5000 जुर्माना 366 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत 10 वर्ष के कठोर कारावास ₹10000 के जुर्माने धारा 376 2 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आज तक कारावास व ₹10000 जुर्माने धारा 302 भारतीय दंड संहिता में अभियुक्त को मृत्युदंड के दंड से तथा ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है.

इस पाशविक दुष्कर्म व हत्याकांड के मामले में विशेष न्यायालय अधिनियम अलवर के न्यायाधीश अजय शर्मा ने अपने निर्णय में उक्त कृत्य को अभियुक्त का पाशविक कृत्य करार दिया है. अपने फैसले में जज ने कहा कि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध अत्यधिक क्रूर और समाज को झकझोर देने वाला है. अपराध और इसको करने के तरीके ने समाज में अत्यधिक रोष फैलाया. इस अपराध को करने का तरीका अत्यंत बब्बर और पशुतापूर्ण था.

यह भी पढ़ें : अरुणाचल प्रदेश में मिला AN-32 का मलबा, 13 सदस्यों को ढूंढने के लिए तलाशी अभियान जारी

कोर्ट ने कहा, अभियुक्त ने जिस तरह से राक्षस बनकर पीड़िता के ऊपर पशुतापूर्वक व्यवहार किया और जिस पैशाची प्रवृत्ति का प्रदर्शन किया उसको सोचकर ही किसी भी पत्थर दिल आदमी की भी आत्मा कांप सकती है. जिस पाशविक और क्रूर तरीके से अभियुक्त ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या की, उससे पीड़िता को कितनी गहरी तकलीफ पहुंची होगी, यह कल्पना से परे है. अभियुक्त ने पीड़िता को अत्यंत दर्दनाक और तकलीफ दे मौत दी है. अभियुक्त का आचरण पूर्व में भी खराब रहा है. वह पूर्व में भी एक काम और वासना से भरा हुआ व्यक्ति रहा है. अभियुक्त हमेशा सॉफ्ट टारगेट अर्थात छोटी बच्चियों को अपनी वासना का शिकार बनाने की फिराक में रहता है. यह प्रकरण कोई साधारण प्रकरण नहीं है. यह कोई राह चलते रोडवेज में की गई हत्या नहीं है बल्कि यह नाबालिग मासूम पीड़िता के साथ क्रूर तरीके से बलात्कार करके बहुत जघन्य तरीके से उसकी हत्या कर देने वाला प्रकरण है.

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी की महाबैठक आज, इन 10 फैसलों पर लग सकती है मुहर

फैसले में उन्‍होंने लिखा है, न्यायालय को समाज में फैले हुए रोष और नाराजगी को भी देखना है. ऐसे जघन्य अपराधों में न्यायालय आंख पर पट्टी बांधकर नहीं बैठ सकता और असामाजिक तत्वों और अपराधियों को जो इस प्रकार के अपराध करने का स्वप्न भी देख रहे हो, उनको सख्त संदेश देना न्यायालय का कर्तव्य है, ताकि नाबालिगों के साथ यौन अपराध करने वाले यौन अपराधियों में यह संदेश जाए कि न्यायालय इस प्रकार के अपराधों में शून्य सहनशीलता का रुख अपना रहा है. पीड़िता के साथ हुए पाशविक बलात्कार और क्रूर तरीके से हुई उसकी हत्या ने जनसाधारण की आत्मा को झकझोर दिया. अभियुक्त द्वारा किया गया यह भयंकर कृत्य निश्चित रूप से ही रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है.