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कोरोना लॉक डाउन के कारण हो रही फसल खराब, हो सकती है खाद्य पदार्थो की कमी

कोरोना वायरस लॉकडाउन में सरकार खाद्य पदार्थो की कमी नही आने देने का दावा तो कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. दरसल मंडी बन्द हैं जिसके कारण एक ओर जहां किसानों की पकी फसल खेत, खलिहानों में खराब हो रही है.

Updated on: 01 Apr 2020, 04:50 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस लॉकडाउन में सरकार खाद्य पदार्थो की कमी नही आने देने का दावा तो कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. दरसल मंडी बन्द हैं जिसके कारण एक ओर
जहां किसानों की पकी फसल खेत, खलिहानों में खराब हो रही है. वही खाद्य पदार्थो का संकट भी व्यापारियों के सामने खड़ा हो रहा है. छोटे किराने के दुकानदारों का
तो सामान ही खत्म हो रहा है बाकी दुकानदार डाल,चीनी,आटा महंगा बेच रहे हैं. 

कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टनसिंग ही एक मात्र हथियार है इसको लेकर लॉक डाउन किया है. कुछ इलाकों में कर्फ्यू जैसा कदम भी उठा गया है. हालांकि इस प्रकार की व्यवस्था का एक ही मकसद है कोरोना वायरस को हराना. कोरोना से देश को बचाना है मगर वही लॉक डाउन के चलते कुछ ऐसी समस्याएं पैदा हो रही है जो आने वाले समय में संकट का सबब बन सकती है.

बात करें किसानों की तो वो सबसे ज्यादा संकट में है लेकिन लॉकडाउन का पालन करने में किसान पूरी शिद्दत के साथ देश के साथ खड़ा है . लेकिन किसान की फसल खराब हो रही है मंडिया बंद है इसका खामियाजा किसान को तो भुगतना पड़ रहा है.

वहीं अगर मंडी तक किसान का माल नहीं पहुंचा तो आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा. किसान की मांग है कि लॉक डाउन की पालना करते हुए ऐसा सिस्टम हो कि मंडियों तक पहुंचना शुरू हो ताकि खाद्य पदार्थों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े.

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लॉकडाउन के कारण किसान को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैउनको लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार गंभीर है खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद्र मीणा का कहना है कि किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है फसल खेत खलियान में खराब हो रही है. वहीं मंडियां बन्द है व्यापारियों और उपभोक्ताओं तक खाद्य सामग्री पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं. हालांकि अभी तो स्टॉक कम नहीं पड़ रहा है लेकिन लंबे समय तक मंडिया बंद रही और किसान का माल मंडी तक नहीं पहुंचा तो खाद्य पदार्थों की भारी किल्लत आ जाएगी लिहाजा अब मुख्यमंत्री से मिलकर इस समस्या के समाधान के रास्ते तलाशने की कोशिश की जा रही है.

दरसल मंडियों को बहुत समय तक बन्द नहीं रखा जा सकता है. इसके लिए ऐसी व्यवस्था करनी होगी जिससे ताकि किसानो की समस्या का समाधान भी हो सके और खाद्य पदार्थो की किल्लत भी ना आए.