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बीजेपी से 'गाय' का मुद्दा भी छीनेगी कांग्रेस, दाे मुख्‍यमंत्रियों के जरिये पार्टी ने चली ये बड़ी चाल

कांग्रेस अब पूरी तरह BJP के नक्‍शे कदम पर चलने लगी है. बीजेपी के गाय (Cow), गंगा (Ganga) और मंदिर प्रेम (Ram mandir) को कांग्रेस भी अपनाने लगी है.

Updated on: 14 Jan 2019, 02:46 PM

जयपुर:

कांग्रेस अब पूरी तरह BJP के नक्‍शे कदम पर चलने लगी है. बीजेपी के गाय(Cow), गंगा (Ganga) और मंदिर प्रेम (Ram mandir) को कांग्रेस भी अपनाने लगी है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साफ्ट हिंदुत्‍व (Soft Hindutva) , मंदिर दर्शन और गोत्र को विधानसभा चुनावों (Assembly elction 2018) में मिली सफलता को देखते हुए अब पार्टी बीजेपी के मास्‍टर स्‍ट्रोक के सहारे 2019 का जंग जीतना चाहती है. शायद इसीलिए राजस्थान सरकार ने आवारा गाय से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है. आवारा गाय को गोद लेने वाले व्यक्ति को गहलोत सरकार 15 अगस्त और 26 जनवरी पर सम्मानित करेगी. इससे पहले मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) गौ संरक्षण को लेकर काफी गंभीर हैं. बता दें गौ सेवा और गायों के प्रति प्रेम के मामले में अभी तक उत्‍तर प्रदेश के CM योगी आदित्‍यनाथ ही जाने जाते थे.

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गाय पर सियासत कोई नई बात नहीं है. गाय की आड़ में वोटबैंक को साधने की कवायद अक्सर राजनीतिक पार्टियां करती रही हैं. यही वजह है कांग्रेस सरकार के एक आदेश पर जमकर सियासी बयानबाजी हो रही है. दरसल गोपालन निदेशालय के मुताबिक जो भी व्यक्ति आवारा गाय को 'गोद' लेगा उसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा. निदेशालय ने इस बाबत सभी जिला कलेक्टरों को आदेश भी जारी कर दिए हैं. राजस्थान में कांग्रेस सरकार आने के बाद 28 दिसंबर को जारी इस आदेश में कहा गया, ''जिन धर्मार्थ और संवेदनशील नागरिकों ने आवारा गायों को गोद लिया है उन्हें जिला कलेक्टर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्य स्तर पर सम्मानित करेंगे.'' 

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पिछली वसुंधरा राजे सरकार में राजस्थान 'गाय मंत्री' बनाने वाला पहला राज्य बना था. ओटराम देवासी को इस मंत्रालय का प्रभार दिया गया था. वर्तमान कांग्रेस सरकार में प्रमोद भाया राज्य के नए गाय मंत्री हैं.इसको लेकर काँग्रेस के मंत्री बीड़ी कल्ला कहना है भाजपा सिर्फ़ बाते करती है धरातल पर करती कुछ नहीं है, काँग्रेस सरकार का यह कदम गौवंश की दशा सुधारने में अहंम कदम साबित होगा. आदेश में जिला कलेक्टरों को आम जनता, धर्मार्थ कार्य कर रहे लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आवारा गायों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है.

इसके साथ ही सार्वजनिक बैठकों में भी इस मुद्दो को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है.आदेश में कहा गया है, ''जो भी गाय को गोद लेना चाहता है वो स्थानीय गोशाला में तय शुल्क जमा करके किसी भी समय वहां आकर गाय को देख सकते हैं. इसके साथ ही जो भी संवेदनशील व्यक्ति आवारा गाय को देखभाल के लिए अपने घर पर रखना चाहते हैं तो वो रख सकते हैं.''आवारा गाय को गोद लेने के लिए जिला कलेक्टर, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, सूचना और जनसंपर्क विभाग या उप मंडल अधिकारी को प्रार्थनापत्र सौंप सकते हैं.

जिन गायों को गोद लिया जाएगा उन्हें पशुपालन विभाग के अधिकारी चिन्हित करेंगे.गोपालन विभाग में संयुक्त निदेशक (योजना) अनिक कौशिक के मुताबिक, ''आदेश का उद्देश्य धर्मार्थ लोगों को आवारा गायों को गोद लेने और उन्हें गोशाला में भेजने के लिए प्रेरित करना है. इससे गोशालाओं की आय में वृद्धि होगी, साथ ही यह पशुओं के प्रभावी को भी सुनिश्चित करेगा दरअसल राजस्थान में चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद गोशालाओं और आवारा गायों के लिए निधि बढ़ाई जाएगी.यह कदम उसी वादे को पूरा करने की कवायद है,,