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सीएम अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान पुलिस देश के सामने एक मॉडल के रूप में होनी चाहिए

राजस्थान के पुलिस मुख्यालय में आज (मंगलवार) को अपराध को लेकर गृह विभाग की ओर से समीक्षा बैठक आयोजित की गयी.

Updated on: 11 Jun 2019, 08:25 PM

highlights

  • सरकार बनने के बाद पहली बार अशोक गहलोत ने पुलिस अधिकारियों के साथ की बैठक
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को जारी किए कई दिशा-निर्देश
  • शिकायतकर्ता की हर शिकायत को दर्ज करने को कहा, अपराधियों पर लगाम कसने के निर्देश

नई दिल्ली:

राजस्थान के पुलिस मुख्यालय में आज (मंगलवार) को अपराध को लेकर गृह विभाग की ओर से समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में डीजीपी कपिल गर्ग, सीएस डीबी गुप्ता सहित पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद थे. सरकार बनने के बाद पहली बार अशोक गहलोत ने पुलिस अधिकारियों की बैठक ली.बैठक में अपराध पर नियंत्रण को लेकर चर्चा की गयी. सीएम अशोक गहलोत बैठक के बाद मीडिया से रुबरु होते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस देश के सामने एक मॉडल के रुप में होनी चाहिए. इसके लिए सभी की एफआईआर दर्ज होना अनिवार्य कर दिया गया है. अब राजस्थान के लोगों को मुकदमा दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे. अगर कोई थाना दर्ज नहीं करेगा तो वो मुकदमा एसपी स्तर पर दर्ज होगा और थानाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी. थानों में सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाएंगे. पुलिस जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें इस पर ध्यान दिया जायेगा. सीएलजी को मजबूत करने की कोशिश होगी. 

पुलिसकर्मियों के शरीर पर भी बॉडी वार्न कैमरे लगाने की व्यवस्था होगी

इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के शरीर पर भी बॉडी वार्न कैमरे लगाने की व्यवस्था भी होगी. पुलिस फ्रेंडली माहौल बनाने का किया जायेगा प्रयास. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सभी एफआईआर दर्ज करने पर अपराध के आंकड़ों में बढ़ोतरी होगी. लेकिन इसकी सरकार परवाह नहीं करेगी. सरकार की मंशा है कि जनता की परेशानियां दूर होनी चाहिये. राज्य में अभी ढाई लाख मुकदमे दर्ज हो रहे है जो कि करीब 1 लाख ओर बढ़ सकते है लेकिन सरकार इसकी चिंता नहीं करेगी.

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थाने में शिकायतकर्ता के लिए स्वागत कक्ष बनाया जाएगा

सभी को न्याय मिलना चाहिए ये ही पुलिस विभाग की प्राथमिकता होगी.इसके अलावा थाने में जाने वाले व्यक्ति को असुविधा ना हो इसके लिए हर थाने के अंदर एक स्वागत कक्ष बनाया जायेगा. सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी परिवादी की बात सुनकर समाधान करने की कोशिश करेंगे.पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि इसके बारे में विचार किया जा रहा है. फिलहाल पुलिसकर्मी अपने किसी कार्य के लिए अवकाश ले सकते है. पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के रिश्तों को भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

इन अपराधियों पर होगी विशेष फोकस

प्रदेश में भुमाफिया, शराब माफिया या फिर बजरी माफियाओं को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि इन पर विशेष फोकस होगा. एसपी को निर्देश दिये गये है कि जिलों में चल रही आपराधिक गैंगों पर भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है. अच्छे काम करने वाले पुलिसकर्मियों को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये गये है. इसके साथ ही लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. हर चार महीने में सीएम, डीजीपी और सीएस स्तर पर बैठक करके फैसले लिए जायेंगे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक के बाद साफ कर दिया कि प्रदेश में भले ही अपराध के बढ़ते आंकड़ो पर सवाल उठते रहे हो लेकिन पुलिस इन आंकड़ों की चिंता नहीं करेगी बल्कि आमजन पुलिस थानों तक एक अच्छे माहौल में पहुंच सके और उसकी सुनवाई हो सके इसके लिए प्रयास जारी रहेंगे. जिससे कि राजस्थान पुलिस को पूरे देश के सामने एक मॉडल के रुप में पेश किया जा सके.