logo-image

जान जोखिम में डालकर बच्चे जाते हैं स्कूल, मूलभूत सुविधाओं से नदारद यहां के लोग

अटरू उपखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर खानपुर मार्ग पर स्थित झारखंड गांव के छोटे-छोटे बच्चों को बारिश के दिन लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है

Updated on: 18 Sep 2019, 06:24 PM

बारां:

बारां में स्कूल जाने के लिए बच्चों को रोज संघर्ष करना पडता है. बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल जाते हैं. वहीं छोटे बच्चों को कंधे पर बैठाकर नदी पार कराकर अभिभावक स्कूल भेजते हैं. बारां जिलें में आज भी आजादी के 70 बर्ष बाद भी लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है. गांव जाने के लिए सड़क और पुलिया तक नहीं बनी है. ऐसे में रोज लोग नदी में बहते पानी में जान जोखिम में डालकर जाना आना पड़ता है.

यह भी पढ़ें - धरती पर आते रहते हैं UFO, अमेरिका नौसेना ने की पुष्‍टि, देखें Video

बच्चों को भी रोज पढ़ाई के लिए संघर्ष करना पड़ता है. अटरू उपखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर खानपुर मार्ग पर स्थित झारखंड गांव के छोटे-छोटे बच्चों को बारिश के दिन लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दिनों में एक और बालूखाल और वहीं दूसरी और भूपसी नदी से गांव घिर जाता है. रेवेन्यू विलेज न होने के कारण इस गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से भी नहीं जोड़ा गया.

यह भी पढ़ें - नीच पाकिस्तान ने फिर की ये नापाक हरकत, जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश के बाद की हत्या

ऐसे में लोग नदी को पार करके ही आते हैं. वहीं बच्चें स्कूल जाने के लिए रोज संघर्ष करते हैं. ग्राम पंचातय से लेकर मुख्यमंत्री तक सड़क बनाने की मांग कर चुके हैं. गांव की सुध नहीं ली और लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.