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पुष्‍कर मेला: जानें क्‍यों Mercedes-Benz कार से भी महंगी है इस घोड़े की सवारी

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अजमेर के पुष्कर मेले का शुक्रवार को प्रशासनिक स्तर पर ध्वजारोहण के साथ रंगारंग आगाज हो गया है. मेले में अनेक पशु देशी विदेशी पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

Updated on: 17 Nov 2018, 10:36 AM

अजमेर:

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अजमेर के पुष्कर मेले का शुक्रवार को प्रशासनिक स्तर पर ध्वजारोहण के साथ रंगारंग आगाज हो गया है. पुष्कर का यह धार्मिक मेला (पंचतीर्थ स्नान) 19 नवंबर को कार्तिक एकादशी स्नान के साथ आरंभ होगा. मेले में अनेक पशु देशी विदेशी पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इन्ही में से एक खास घोड़ा है जो सबका मन मोह रहा है. इस घोड़े की सवारी Mercedes-Benz कार से भी महंगी है. बात अगर इस घोड़े की कीमत की हो तो इस अल्बख्श नामक घोड़े की कीमत करीब सवा करोड़ रुपये है, जो अपने आप में खास है.

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में महंगे से महंगे पशु मेले में बिकने के लिए आए हैं उन्हीं में शामिल है यह घोड़ा जो Mercedes-Benz से भी महंगा है. यह घोड़ा पंजाब से पुष्कर मेले में बेचने के लिए लाया गया है. मारवाड़ी नस्ल के इस घोड़े की खासियत के बारे में घोड़ा मालिक गुर प्रताप सिंह गिल ने बताया कि उनके पास 20 महंगे घोड़े है जिन्हें वह मेले में बेचने के लिए लाए हैं. यह घोड़ा ढ़ाई साल का है, इसके पिता काला कांठा प्रजाति का है जो पंजाब में एक करोड़ रुपये में बेचा गया है. इस घोड़े के भाई को सवा करोड़ में बेचा गया है. उन्होंने बताया कि कल ही वह मेले में घोड़ा बेचने आए हैं. मारवाड़ी नश्ल के इस घोड़े में मातृत्व शक्ति अच्छी होने के साथ ही यह दौड़ में कुशल है ओर इसी वजह से यह विनर भी रह चुका है.

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घोड़ा मालिक गुर प्रताप सिंह ने बताया कि इस घोड़े को पालने में रोजाना 700 से 800 रुपये खर्चा आता है. डाइट में इसे दूध, गेंहू, चना, जौ आदि खिलाया जाता है. दो व्यक्ति इसकी प्रतिदिन दो घंटे तक मालिश करते हैं. गिल ने बताया कि एक दिन में घोड़े के दो अलग-अलग ग्राहक आ चुके हैं, जिन्होंने इसकी कीमत 71 लाख व 83 लाख रुपये लगाई है. लेकिन वह इसे सवा करोड़ से कम में नहीं बेचेंगे. घोड़ा मालिक ने उम्मीद जताई है कि उनका यह घोड़ा मेला समाप्ति तक मुंह मांगी कीमत में बिक जाएगा.

आपको बता दें कि अब तक मेले में विभिन्न प्रजाति के करीब साढ़े छह हजार पशु पहुंच चुके हैं तथा इनकी आवक अभी भी जारी है. मेले में शुक्रवार की शाम तक विभिन्न प्रजाति के 6,402 पशुओं की  आवक दर्ज की गई है. मेले में आए पशुओं में सर्वाधिक 3,782 ऊंट वंश, 2,504  अश्व वंश, 39 गोवंश, 51 भैंस वंश, 25 बकरा-बकरी एवं एक गधा शामिल है. मेले में भाग लेने के लिए पशु एवं पशु पालकों के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों तथा विदेशी पर्यटकों की आवक भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिससे मेले की चहल-पहल दिनों दिन आसमान छू रही है. पर्यटकों के झुंड मेला क्षेत्र में घूम-घूम कर मेले का लुत्फ उठा रहे हैं.