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अशोक गहलोत को डॉक्टर एसके भंडारी ने लिखा खत, मान देने की बजाय हो रहा अपमान, जानें पूरा माजरा

जयपुर जोन संयुक्त निदेशक और रामगंज में कैंप प्रभारी डॉ एसके भंडारी ने अपने पत्र में आईएएस अधिकारी रोहित कुमार सिंह के द्वारा अपमानित किए जाने और अशोभनीय भाषा का उपयोग कर प्रताड़ित किए जाने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है.

Updated on: 09 Apr 2020, 07:11 PM

नई दिल्ली:

कोविड-19 (Covid-19) की वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए भारत समेत दुनियाभर में डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी, लैब टेक्नीशियन और समस्त चिकित्साकर्मी दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं. इसको लेकर प्रधानमंत्री रेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से लेकर घरों में कैद आम आदमी भी इन भगवान रूपी मानवों के अभिनंदन में ताली बजा रहे हैं.

लेकिन राजस्थान में मामला उलट दिखाई दे रहा है. यहां पर चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने एक डॉक्टर का अपमान किया है और उनके साथ अभद्रता की है. जिससे दुखी होकर डॉक्टर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok gehlot) को पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया है.

डॉ एसके भंडारी ने आईएएस अधिकारी रोहित कुमार के खिलाफ लिखा खत 

जयपुर जोन संयुक्त निदेशक और रामगंज में कैंप प्रभारी डॉ एसके भंडारी ने अपने पत्र में आईएएस अधिकारी रोहित कुमार सिंह के द्वारा अपमानित किए जाने और अशोभनीय भाषा का उपयोग कर प्रताड़ित किए जाने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है. डॉ एसके भंडारी ने कहा है कि उनकी रिटायरमेंट में केवल कुछ ही महीने का समय शेष रह गया है. इसके बावजूद भी उन्होंने दिन रात एक कर के सरकार के द्वारा कोविड-19 के मरीजों की सेवा का जो जिम्मा सौंपा गया था, उसको पूरी शिद्दत के साथ निभा रहे हैं, फिर भी उनके साथ अपमानित भाषा का प्रयोग किया जा रहा है.

डॉ एसके भंडारी ने अशोक गहलोत को खत लिख दिया इस्तीफा 

डॉ एसके भंडारी ने यह पत्र लिखा है, 'नम्र निवेदन है कि मैं डॉक्टर एस के भंडारी संयुक्त निदेशक जॉन जयपुर के पद पर कार्यरत हूं और मैं महा मंदिर शक्तिनगर जोधपुर का मूल निवासी हूं तथा मेरी सेवानिवृत्ति विज्ञप्ति जुलाई 2020 को निर्धारित है। मेरे 62 वर्ष की उम्र पूरी होने जा रही है, फिर भी मैंने रोहित कुमार सिंह (अतिरिक्त मुख्य सचिव मेडिकल एंड हेल्थ) के आदेशानुसार एयरपोर्ट जयपुर की करीब पिछले 3 माह तक देखभाल कर एक भी कोविड-19 (Covid-19) चिन्हित को जाने नहीं दिया और मेरी 31 स्टाफ की टीम ने अच्छा कार्य करते हुए राज्य को कोरोनावायरस से बचाया.'

'उक्त कार्य को देखते हुए रोहित कुमार सिंह ने मुझे कोविड-19 के तहत रामगंज हॉटस्पॉट मानते हुए डॉ नरोत्तम शर्मा (सीएमएचओ) की एवज में टेलीफोनिक आदेश देकर लगाया। मैंने आदेशों की पालना करते हुए पिछले 2 दिन में, जब से मुझे लगाया गया है, तब से प्रतिदिन 12-12 घंटे तक रामगंज में कार्य करते हुए 38 सैंपल 7 अप्रैल 2020 को एवं लगभग 400 सैम्पल 8 अप्रैल 2020 को तैयार किए.'

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'इसके उपरांत अच्छे कार्य की प्रशंसा करना तो दूर अपमानित और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए भरी मीटिंग में शाम को टेलीफोन नंबर *** से संबोधित किया. पूर्व में भी कई बार मीटिंग में एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया. आज रोहित कुमार सिंह द्वारा बोला गया कि मैं तुम्हारी पेंशन बिगाड़ दूंगा. लॉजिस्टिक, सुपरविजन, मैन पॉवर, वाहन, खाने-पीने की अव्यवस्था होते हुए भी मेरी टीम ने पिछले 2 महीने में अति उत्तम कार्य किया, जोकि सराहनीय होना चाहिए था.'

'जबकि पक्षपात करते हुए डॉ नरोत्तम शर्मा डॉक्टर इंदिरा गुप्ता डॉ प्रवीण झरवाल धीरज त्यागी आदि को बचाया भी नहीं तू मेरे से पद में न्यून होने के उपरांत मुझे बुरा भला मीटिंग में बैठे लोगों के सामने बोला गया. उस समय मीटिंग में डॉ सुधीर भंडारी, डॉक्टर डोरिया, डॉक्टर विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे होंगे.'

'मुझे आपसे प्रार्थना है कि ऐसे व्यक्तित्व के सानिध्य में मुझे नौकरी नहीं करनी है और मेरे मान सम्मान को जो ठेस पहुंची है, उसका आकलन किया जाए. जबकि भारत सरकार के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आदि गणमान्य व्यक्ति एवं पूरी जनता मेडिकल विभाग के कसीदे पढ़ रही है और ढोल नगाड़े बजाए जा रहे हैं.'

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'उसके विपरीत एक उच्च अधिकारी मुझे ही नहीं कई अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को भी अशोभनीय व्यवहार भाषा का उपयोग कई बार किया जाता रहा है. कृपया उचित न्याय दिलाएं अन्यथा मेरा त्यागपत्र स्वीकार किया जाए'

'डॉ एसके भंडारी ने पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यपाल कलराज मिश्र समेत सभी समाचार पत्रों को भेजी है.'