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पाकिस्तानी शेख के चंगुल से बचकर भारत आई वीना ने यूं किया अपना दर्द बयां

एक ऐसा ही मामला पंजाब के गुरदासपुर से सामने आया है, जहां एजेंट की झांसे में आकर धारीवाल की वीना कुवैत में फंस गई थी. हालांकि वो किस्मत वाली थी उस नरक से बच कर अपने देश वापस आ पाई.

Updated on: 29 Jul 2019, 01:28 PM

नई दिल्ली:

देश में बेरोजगारी का आलम इस तरह है कि हर कोई नौकरी की तलाश में विदेश की ओर रुख करते है. इसके लिए वो एजेंटो का सहारा लेते है, जहां कई बार लोग उनके द्वार दी गई जानकारी और कागजात की जांच नहीं करते है. ऐसे में वो जाने-अनजाने में बड़ी मुसीबत मोल ले लेते है. बता दें कि पूरे देश में मानव तस्कर गिरोहों ने अपने जाल फैला रखे हैं और एजेंटो द्वारा वो लोगों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं. हर साल कई लोगों ऐसे ही एजेंट की बातों में आकर नौकरी के लिए विदेश चले जाते है, जहां उन्हें कई तरह का उत्पीड़न झेलना पड़ता है. यहां तक कई बार वो इन गिरोह के चंगुल से निकल भी नहीं पाते है.

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एक ऐसा ही मामला पंजाब के गुरदासपुर से सामने आया है, जहां एजेंट की झांसे में आकर धारीवाल की वीना कुवैत में फंस गई थी. हालांकि वो किस्मत वाली थी उस नरक से बच कर अपने देश वापस आ पाई. वीना अपने घर, परिवार के पास तो आ गई है लेकिन वो अपने साथ हुए अमानवीय व्यवहार को नहीं भूल पाई है. शुक्रवार देर रात घर पहुंची वीना को जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी सचिव राणा कंवरदीप के नेतृत्व में सिविल अस्पताल गुरदासपुर लाया गया.

वीना की देश वापसी के पीछे अब तक गुरदासपुर सांसद और अभिनेता सनी देओल और केंद्र सरकार की अहम योगदान माना जा रहा था. लेकिन अब ये बात सामने आ रही है कि वीना की आजादी के पीछ और घर वापसी के लिए सिर्फ हरनेक सिंग रंधावा हेल्पलाइन कनाडा की भूमिका रही है.

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वीना ने बयां किया अपना दर्द

साल 2018 जुलाई में कुवैत गई वीना बेदी ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि एजेंट ने उसे कहा था कि कुवैत में उन्हें तीन बच्चों का ख्याल रखना इसके लिए उन्हें अच्छे पैसे भी दिए जाएंगे. लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें समझ आया कि उनके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है.

कुवैत में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया साथ ही उनसे घर का सारा काम करवाया जाता था और मारपीट भी की जाती थी. यहां तक उनसे उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया गया था. कुवैत में वो पाकिस्तानी मूल के शेख ने उन्हें बंधुआ बना लिया था. 21 मई 2019 को वीना के पति सुरेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वीना को इसकी सूचना उनके बेटे रोहित बेदी ने किसी तरह पहुंचाई.

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इसके बाद जब वीना ने शेख को अपने पति की मौत संबंधी बात बताई तो उसने कहा कि ऐसे रोजाना लाखों लोग मरते रहते हैं. एक साल काम करवाने के बदले उन्हें कोई पैसा भी नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि वह अपने बेटे द्वारा किए गए प्रयासों के चलते ही आज सुरक्षित अपने घर पहुंच सकी है.

वीना के बेटे रोहित ने बताया कि उन्होंने सांसद सनी देओल सहित कई लोगों के पास उसकी मां को वापस लाने के लिए गुहार लगाई थी लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की. आखिर में उसने हरनेक रंधावा हेल्पलाइन कनाडा से संपर्क किया, जिन्होंने उसकी मां को वापस लाने में बहुत मदद की.

कुवैत में एक शेख द्वारा उसे बंदी बनाया गया, उसका कहना था कि उसने वीना को 1200 दिनार में खरीदा है. जिसके बाद हरनेक सिंह रंधावा हेल्पलाइन की ओर से 1200 दीनार देकर उसे शेख से रिहा करवाया गया. इसके बाद वीना को कुवैत से हेल्पलाइन के सदस्यों द्वारा ही एयर टिकट का प्रबंध करके भारत भेजा गया.

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बता दें कि हरनेक सिंह रंधावा हेल्पलाइन की ओर से 13 जुलाई को वीना को वापस लाने का काम शुरू किया गया था और 11 दिन की कड़ी मेहनत के बाद वह सफल हो गए. शुक्रवार को चंडीगढ़ पहुंची वीना की सेहत काफी कमजोर हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि उसे भूखा रखने के साथ-साथ मारपीट की जाती थी. जब वह विदेश गई तो उसका वजन 60 किलो था जो अब कम होकर 38 किलो रह गया है.

गुरदासपुर के डीएसपी लखविंदर सिंह का कहना है कि महिला को कुवैत भेजने वाले ट्रेवल एजेंट मुख्तार सिंह के खिलाफ भकेस दर्ज किया हुआ है. वीना का बयान लेने के बाद एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

वहीं शनिवार को पूरे दिन सिविल अस्पताल रचा कर उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर नजर रखी गई. उन्हें जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की सचिव राणा कंवरदीप सिविल अस्पताल ले गईं थी. यहां पूरे दिन इलाज के बाद शाम को उन्हें घर भेज दिया गया.