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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 31 अगस्त तक जारी करनी होगी फाइनल NRC, डेटा में रखी जाएगी गोपनीयता

सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने की समयसीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी थी. पहले ये समयसीमा 31 जुलाई तक थी

Updated on: 13 Aug 2019, 12:23 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक NRC की फाइनल लिस्ट जारी करने के लिए कहा है और साथ में ये भी कहा है कि अब एनआरसी के डाटा में आधार की तरह ही गोपनियता बना कर रखी जाएगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने की समयसीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी थी. पहले ये समयसीमा 31 जुलाई तक थी. हालांकि कोर्ट ने NRC ड्राफ्ट में जगह पाए लोगों की भी दोबारा समीक्षा की केंद्र और राज्य सरकार की मांग ठुकरा दी थी.

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बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में 20 प्रतिशत की दोबारा जांच की मांग की थी. सरकार ने आशंका जताई थी कि लाखों अवैध शरणार्थी भी स्थानीय NRC अधिकारियों के साथ मिलकर NRC ड्राफ्ट में शामिल हो गए हैं. 19 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और असम सरकार से पुनर्सत्यापन की जरूरत पर सवाल किया. महान्यायवादी तुषार मेहता ने केंद्र और असम सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, 'हम दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकते.' उन्होंने पुनर्सत्यापन के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की.

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क्या है NRC? 

एनआरसी से पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं. जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है. इसके हिसाब से 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.