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बेंगलुरु के 22,000 निजी चिकित्सक गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

कर्नाटक में निजी मेडिकल प्रतिष्ठान (केपीएमई) अधिनियम 2007 में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ बेंगलुरु के करीब 22 हजार निजी चिकित्सक गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।

Updated on: 16 Nov 2017, 12:24 AM

highlights

  • हड़ताल से बेंगलुरु के 6 हजार निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक की ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी
  • प्रस्तावित निजी मेडिकल प्रतिष्ठान (केपीएमई) अधिनियम 2007 में संशोधन के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल

नई दिल्ली:

कर्नाटक में निजी मेडिकल प्रतिष्ठान (केपीएमई) अधिनियम 2007 में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ बेंगलुरु के करीब 22 हजार निजी चिकित्सक गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।

इस हड़ताल की वजह से बेंगलुरु के 6 हजार निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक की ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी, सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहेंगी।

प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सी ज्याना ने कहा, 'प्रस्तावित निजी मेडिकल प्रतिष्ठान (केपीएमई) अधिनियम 2007 में संशोधन के खिलाफ हमने गुरुवार सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।'

कर्नाटक सरकार की प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक, निजी अस्पतालों में इलाज की फीस सरकार तय करेगी और अगर किसी चिकित्सक की लापरवाही की वजह से किसी बीमार की मौत होती है तो डॉक्टर को पांच साल तक की सजा हो सकती है।

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चिकित्सकों का आरोप है कि सरकार चिकित्सकों के पक्ष को सुने बिना ऐसे मामलों की सुनवाई व चिकित्सकों पर निगरानी के लिए जिला शिकायत सेल स्थापित करना चाहती है।

वहीं बेलगावी में सोमवार से प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ राज्य भर के निजी डॉक्टर्स सुवर्ण सौधा के सामने धरने पर बैठे हैं।

प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन के सदस्य डॉ मदन गायकवाड़ ने कहा, 'यह प्रस्तावित बिल बेहद क्रूर है और सरकार इसे हड़बड़ी में पारित करना चाहती है। हम चिकित्सक इसे स्वीकार नहीं करेंगे और बिल को खत्म करने तक लड़ाई लड़ेंगे।'

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