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केरल में कोरोना वायरस के पांच मामले सामने आये, देशभर में इससे निपटने की गतिविधियां तेज हुईं

केरल में प्रशासन ने अपनी यात्रा और संक्रमण की जानकारी छिपाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिनपर मुकदमा भी चलाया जा सकता है.

Updated on: 08 Mar 2020, 10:42 PM

नई दिल्ली:

केरल में कोरोना वायरस से संक्रमण के पांच नये मामले सामने आने के बाद भारत में इससे संक्रमित लोगों की संख्या रविवार को 39 हो गई. पिछले महीने इटली से आए केरल के एक दंपति और उसके बेटे और और उनके दो रिश्तेदारों को जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. केरल में प्रशासन ने अपनी यात्रा और संक्रमण की जानकारी छिपाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिनपर मुकदमा भी चलाया जा सकता है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि ये मामले सामने आने के बाद राज्य में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है. लगभग एक सप्ताह पहले इटली से लौटे दंपति और उसका बेटा हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य जांच से बच निकले थे. इससे पहले भी राज्य में तीन लोग वायरस से संक्रमित पाए गए थे.

कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित चीन के वुहान से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उन तीनों छात्रों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. मंत्री ने कहा कि 29 फरवरी को वेनिस-दोहा कतर एयरलाइंस की क्यूआर 126 उड़ान और दोहा से कोच्चि आने वाली कतर एयरलाइंस की क्यूआर 514 उड़ान में संक्रमित परिवार के साथ यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में होना चाहिए. क्यूआर 514 एक मार्च को सुबह 8.20 बजे कोच्चि पहुंची थी. एयरलाइंस ने एक बयान में कहा कि वह इस संबंध में भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम कर रही है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अधिकारियों को अपनी यात्रा और बीमारी के लक्षणों के बारे में सूचित न करना अपराध माना जाएगा, जबकि राज्य पुलिस ने भी कहा कि अगर कोई भी इस तरह की जानकारी छिपाता है तो वह अवैध और दंडनीय है.

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स्वास्थ्य अधिकारियों ने जारी किए कड़े निर्देश
एक पुलिस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘उनके खिलाफ मुकदमा सहित सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी. इस संबंध में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.’ केरल सरकार ने सोमवार को आयोजित होने वाले महिलाओं के सबसे बड़े धार्मिक समागम अट्टुकल पोंगल को जारी रखने का निर्णय किया है लेकिन राज्य में कोरोना वायरस के पांच नये मामले सामने आने के बाद इसको लेकर नये दिशानिर्देश जारी किए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रसिद्ध त्योहार के लिए महीनों से तैयारियां चल रही हैं इसलिए निर्णय किया गया है कि इसे जारी रखा जाए. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कड़े निर्देश जारी किए हैं कि जिन लोगों में सर्दी, बुखार या वायरस का कोई लक्षण दिख रहा है उन्हें केवल अपने घर के बाहर ही पोंगल करना चाहिए और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना चाहिए.

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हवाई अड्डे पर जांच से बच निकला था परिवार
मंत्री ने कहा कि लगभग एक सप्ताह पहले इटली से लौटे दंपति और उनका बेटा हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य जांच से बच निकले थे. सभी पांचों लोग पथनमथिट्टा जिले के रन्नी के निवासी हैं. मंत्री ने कहा,  फिलहाल उनकी हालत स्थिर है, लेकिन अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि करीब 50 वर्षीय दंपति ने अपने 24 वर्षीय बेटे के साथ 29 फरवरी को इटली से भारत के लिये उड़ान भरी थी जबकि दो अन्य लोग उनके संबंधी हैं. वेनिस से लौटे तीन लोगों ने अधिकारियों को सूचित नहीं किया था कि वे इटली की यात्रा करके आए हैं. उन्होंने कहा कि एहतियाती तौर पर, परिवार के 90 वर्षीय दो सदस्यों को कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि जब उनके ये दोनों संबंधी वायरस के लक्षणों के साथ अस्पताल गए तो स्वास्थ्य अधिकारियों को इटली से लौटने वाले लोगों के बारे में पता चला.

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भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या 39 तक जा पहुंची
मंत्री ने कहा कि वे हवाई अड्डे पर जांच से बच निकले थे और शुरुआत में अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया तो उन्हें जबरदस्ती पथनमथिट्टा जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें पृथक एवं निगरानी में रखा गया है. मंत्री ने बताया कि उन्हें छह मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया और शनिवार रात उनके वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. शैलजा ने कहा, इटली से लौटे परिवार ने अपनी यात्रा की जानकारी को स्वास्थ्य अधिकारियों से छिपाया. ऐसी कृत्यों को अपराध माना जाएगा. जो लोग ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों से आये हैं, उन्हें तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना चाहिए. भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है, जो पिछले मंगलवार तक सिर्फ छह थी.

31 मार्च तक क्रूज जहाजों को प्रवेश देने से रोक
इनमें 16 इतालवी पर्यटक शामिल हैं. इनमें केरल के उन तीन मरीजों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें पिछले महीने ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. मंत्री ने कहा कि वायरस के किसी भी लक्षण वाले व्यक्तियों को अट्टुकल मंदिर परिसर में समागम से दूर रखना चाहिए. मंदिर के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि बुखार या किसी अन्य लक्षण वाले लोग उत्सव में भाग न लें. मंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर के पास चिकित्सा स्टाल और एम्बुलेंस तैनात रहेंगे और उत्सव का वीडियो बनाया जाएगा. इस बीच, कोरोना वायरस के मद्देनजर 31 मार्च तक क्रूज जहाजों को प्रवेश न देने के केंद्र सरकार के निर्देश के बाद शनिवार को पनामा ध्वज वाले एमएससी लिरिका नामक एक क्रूज को न्यू मंगलोर बंदरगाह से वापस कर दिया गया.

विदेशियों को राज्य में प्रवेश से रोकने के लिए पीएपी की जरूरत
दोहा के रास्ते अमेरिका से यहां पहुंचे तमिलनाडु का 15 वर्षीय एक किशोर हवाई अड्डे पर मेडिकल जांच के दौरान बुखार से पीड़ित पाया गया जिसके बाद उसे निगरानी के लिए अस्पताल भेज दिया गया. हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि इस लड़के में ज्वर से संबंधित लक्षण नजर आये जिसके बाद उसे राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल भेज दिया गया. वह अपने पिता के साथ अमेरिका से पहुंचा था. हवाई अड्डे पर एक विशेष वार्ड में उसका परीक्षण किया गया. उसके बाद अधिकारियों ने उसे अस्पताल भेज दिया. सिक्किम के बाद, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए विदेशियों को जारी किए जाने वाले प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (पीएपी) को अस्थायी तौर पर निलंबित करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि विदेशियों को राज्य में प्रवेश करने के लिए पीएपी की आवश्यकता होती है.

अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा है चीन
अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन से लगती है. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने पीएपी जारी करने वाले सभी अधिकारियों को अगले आदेश तक परमिट जारी करने की प्रक्रिया निलंबित करने का निर्देश दिया है. सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘ऐसा पता चला है कि भारत में कोविड-19 के पॉजीटिव मामले सामने आए हैं और यह संख्या बढ़ रही है. ऐसा भी मालूम चला है कि भारत में कोरोना वायरस मुख्यत: उन पर्यटकों से फैला है जो हाल फिलहाल में विदेश गए थे या उन पर्यटकों से फैला है जो भारत आए थे.’  इसमें कहा गया है, ‘अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रोटेक्टेड एरिया परमिट जारी करने की प्रक्रिया अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया गया है.’ देश भर के कई अस्पतालों में अलग वार्ड की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स प्रशासन से कहा है कि नयी आपातकालीन शाखा के एक हिस्से में संदिग्ध कोविड- 19 रोगियों के लिए पृथक बिस्तर तैयार रखा जाए. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पृथक केंद्र में किसी भी समय करीब 20 रोगियों को रखने की व्यवस्था होगी और मामले के पॉजिटिव होने की पुष्टि होते ही संबंधित रोगी को उपचार के लिए एनसीआई झज्जर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. एक अलग से प्रवेश द्वार बनाया गया है जहां एंबुलेंस से रोगी आ सकेंगे. रोगियों के इतिहास और रोग की गंभीरता को देखते हुए उन्हें लाल, पीले एवं हरे मामले के तौर पर चिह्नित किया जाएगा. इसके अलावा मंत्रालय ने झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) से कहा है कि वह अपनी पृथक बिस्तर क्षमता को वर्तमान में 25 सीटों से बढ़ाकर 125 कर दे.

पीएम मोदी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की
अधिकारी ने कहा कि पांडिचेरी में जवाहरलाल परास्नातक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान (जिपमेर) से कहा गया है कि रोगियों को अलग-थलग रखने के लिए 13 बिस्तर तैयार रखें जबकि छह अन्य एम्स को निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के रोगियों के लिए 12- 15 पृथक बिस्तर तैयार रखें. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक में देश में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा की थी और उन्हें निर्देश दिया था कि पर्याप्त पृथक व्यवस्था के लिए जगहों की पहचान करें और अगर रोग अधिक फैलता है तो गहन उपचार की व्यवस्था करें. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों से कहा है कि जिला, प्रखंड और गांव स्तरों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन करें. नवीनतम परामर्श के मुताबिक सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को चाहे वे किसी भी देश के हों, उनकी वैश्विक चिकित्सा जांच आवश्यक है.

30 हवाई अड्डों पर हो रही है यात्रियों की जांच
जांच की पर्याप्त व्यवस्था की गई है और वर्तमान में 21 हवाई अड्डों के अलावा नौ और हवाई अड्डों को इसमें शामिल किया गया है. इस प्रकार 30 हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच हो रही है. दिल्ली सरकार ने रविवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिए एहतियाती कदम के तौर पर डीटीसी एवं कलस्टर बसों, मेट्रो और अस्पतालों को नियमित आधार पर संक्रमण मुक्त करने के आदेश दिए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में अभी तक कोरोना वायरस के तीन मामले सामने आये हैं और एक मामले की जांच की जा रही है.

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को संक्रमण मुक्ति के लिए जारी किए आदेश
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मरीजों के लिए 25 अस्पतालों में 168 पृथक बिस्तरों की व्यवस्था की गई है. उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील की कि यदि उनका कोई पड़ोसी पिछले 14 दिन में विदेश से लौटा है तो उन्हें सरकार को इसकी सूचना देनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने रविवार को राज्य कार्य बल की बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, डीटीसी, क्लस्टर बसों, दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों को प्रतिदिन संक्रमण मुक्त करने के लिए एक आदेश जारी कर दिया गया है.

नमूनों के परीक्षण के लिए बनाई गईं 57 प्रयोगशालाएं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 52 प्रयोगशालाओं में नमूनों की जांच की सुविधा शुरू की है, जबकि वायरस के इलाज और पहचान की क्षमता बढ़ाने के लिए नमूना संग्रह में मदद के लिए 57 प्रयोगशालाओं को नामित किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि 6 मार्च तक 3,404 व्यक्तियों के कुल 4,058 नमूनों का परीक्षण किया गया है. विश्वभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1,05,800 से अधिक हो गई है, जिनमें 3,595 लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक 95 देश इस महामारी से प्रभावित हो चुके हैं. चीन में इसके 80,695 मामले हैं, जिनमें से 3,097 लोगों की मौत चुकी है.