नागरिकता बिल पर शिवसेना लेगी यू-टर्न? संजय राउत ने दिया बड़ा बयान
शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया हो लेकिन राज्यसभा में वह सरकार के खिलाफ जा सकती है. शिवसेना नेता संजय राउत ने इस संबंध में बयान दिया है.
नई दिल्ली:
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बीजेपी का समर्थन करने वाली शिवसेना राज्यसभा में बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने के बावजूद भी राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हम अलग विचार कर सकते हैं. इससे बीजेपी के सामने परेशानी खड़ी हो सकती है. राज्यसभा में शिवसेना के तीन सदस्य हैं. ऐसे में अगर शिवसेना नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ वोट करती है तो मोदी सरकार के सामने इस बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर संकट खड़ा हो सकता है.
फिलहाल अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार के पक्ष में 119 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष में 100 सदस्य हैं. को भी अगर विपक्ष में शामिल कर लें तो उनकी संख्या 103 हो जाएगी. अभी राज्यसभा के 19 राज्यसभा सदस्यों ने इस बिल पर अपना रुख साफ नहीं किया है.
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राज्यसभा में क्या है गणित
सोमवार को बिल लोकसभा में पेश किया गया. नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई. लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े. जबकि, विपक्ष में 80 वोट. अब राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार रणनीति बना रही है. नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है.
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सोमवार को लोकसभा में जब गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर रहे थे तो शिवसेना के मुखपत्र सामना में यह शर्त रखी कि नए बिल के तहत जिनको नागरिकता दी जाएगी, उन्हें 25 सालों तक वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. इसके अलावा पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने अपने ट्वीट में कहा, अवैध नागरिकों को देश से बाहर करना चाहिए, साथ ही हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता भी दी जानी चाहिए, लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए.
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बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक का कांग्रेस पुरजोर विरोध कर रही है और इसे देश के संविधान के खिलाफ बता रही है. दूसरी ओर शिवसेना ने शर्तों के साथ ही सही, इस बिल के समर्थन में मतदान किया है. जाहिर है इससे महाराष्ट्र में गठबंधन पर सवाल उठेंगे और कांग्रेस का शिवसेना के साथ जाने के औचित्य पर भी सवाल खड़े होंगे. दो दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान ने शिवसेना ने गठबंधन धर्म निभाने की भी सलाह दी थी. फिर भी शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के पक्ष में मतदान कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है.
सोमवार को जब अमित शाह नागरिकता संशोधन बिल पेश कर रहे थे तो कांग्रेस की ओर से कई सदस्यों ने न केवल विरोध किया, बल्कि गृह मंत्री के स्पीच के बीच में टोकाटाकी भी की. कांग्रेस की ओर से बिल को लेकर कई तरह की आपत्त्ति जताई गई. दूसरी ओर कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार चला रही शिवसेना ने मतदान की बारी आई तो सरकार के पक्ष में वोट कर दिया.
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