logo-image

मुख्‍यमंत्री (Chief Minister) की दौड़ में शामिल नहीं, दिल्‍ली में खुश हूं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) बोले

BJP-Shiv Sena Glitch in Maharashtra : महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय सड़क व परिहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि वे मुख्‍यमंत्री (Chief Minister) पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं. उन्‍होंने साफ किया कि देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ही महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री होंगे.

Updated on: 07 Nov 2019, 02:33 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय सड़क व परिहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि वे मुख्‍यमंत्री (Chief Minister) पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं. उन्‍होंने साफ किया कि देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ही महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री होंगे और मैं मोदी सरकार (Modi Sarkar) के मंत्री के रूप में लगातार काम करता रहूंगा. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्‍होंने कहा, महाराष्‍ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में वापस लौटने का कोई इरादा नहीं है. मैं दिल्‍ली (Delhi) में ही काम करता रहूंगा.

यह भी पढ़ें : मां बनने के लिए 6 फीट लंबे आदमी का स्‍पर्म लिया पर बच्‍चा बौना निकला, जानें फिर क्‍या हुआ

नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि महाराष्‍ट्र में देवेंद्र फडनवीस के नेतृत्‍व में ही सरकार बनेगी. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने चुनाव में बहुमत हासिल किया है और जल्‍द ही देवेंद्र फडनवीस के नेतृत्‍व में फिर सरकार बनाने का फैसला ले लिया जाएगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने चुनाव में 105 सीटें जीती हैं, लिहाजा मुख्‍यमंत्री बीजेपी का ही होगा.

महाराष्‍ट्र में 21 अक्‍टूबर को हुए चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और दोनों को मिलाकर बहुमत भी हासिल हो गया. बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी, जबकि शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. अभी तक महाराष्‍ट्र में किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.

बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को बहुमत हासिल होने के बाद भी सरकार बनाने को लेकर गतिरोध कायम है, जबकि सरकार बनाने के लिए अब केवल 36 घंटे से भी कम समय शेष रह गए हैं. 9 नवंबर तक सरकार नहीं बनी तो राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लागू हो जाएगा.

यह भी पढ़ें : क्या है आरसीईपी (RCEP) का गणित और कैसे मोदी सरकार ने चीन को दिया मुंहतोड़ जवाब

शिवसेना ढाई-ढाई साल के लिए मुख्‍यमंत्री पद की मांग कर रही है तो बीजेपी इससे सहमत नहीं है. वह किसी भी हाल में मुख्‍यमंत्री गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्‍यक्ष का पद अपने पास रखना चाहती है. शिवसेना की ओर से संजय राउत की तल्‍ख बयानबाजी के बीच दोनों दलों में सुलह के भी दावे किए जा रहे हैं. दो दिन पहले देवेंद्र फडनवीस ने इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. उसके बाद खबर थी कि आरएसएस ने शिवसेना से सुलह के लिए नितिन गडकरी को जिम्‍मेदारी सौंपी है.