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महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे ने कृषि ऋण माफी योजना, भोजन योजना को मंजूरी दी

सत्ता में आने के एक महीने से भी कम समय में महाराष्ट्र की शिवसेना नीत सरकार ने मंगलवार को कृषि माफी योजना को मंजूरी दे दी.

Updated on: 24 Dec 2019, 10:39 PM

मुंबई:

सत्ता में आने के एक महीने से भी कम समय में महाराष्ट्र की शिवसेना नीत सरकार ने मंगलवार को कृषि माफी योजना को मंजूरी दे दी. साथ ही इसने गरीबों के लिए सब्सिडी पर भोजन योजना को भी मंजूरी दी. राज्य मंत्रिमंडल ने महात्मा ज्योतिराव फुले कृषि ऋण माफी योजना को मंजूरी दे दी, जिसके तहत 30 सितम्बर 2019 तक लंबित कृषि ऋण को माफ कर दिया जाएगा. इसी तरह से कैबिनेट ने ‘शिव भोजन’ कार्यक्रम शुरू करने को भी मंजूरी दी. इसके तहत गरीबों को राज्य के सभी जिलों के एक निश्चित केंद्र पर दस रुपये में भोजन दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इन योजनाओं की घोषणा नागपुर में राज्य विधानमंडल के शीत सत्र के अंतिम दिन शनिवार को की थी. ठाकरे की अध्यक्षता में जब मंत्रिमंडल की मंगलवार शाम बैठक हुई तो दोनों योजनाओं को मंजूरी दे दी गई. शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की गठबंधन सरकार 28 दिसंबर को राज्य में एक महीना पूरा करेगी. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक योजना के तहत एक अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2019 के बीच दो लाख रुपये तक के लिए गए अल्पावधि फसल ऋण को माफ कर दिया जाएगा. साथ ही 30 सितम्बर 2019 तक के बकाया पुनर्गठित फसल ऋण को भी माफ किया जाएगा.

इसने कहा कि सरकार बैंकों से उन खातों के बारे में जानकारी मांगेगी जिनमें फसल ऋण और पुनर्गठित फसल ऋण का भुगतान नहीं हुआ है. बयान में कहा गया है कि ऐसे किसानों के लिए अलग से एक योजना की घोषणा की जाएगी जो नियमित रूप से अपने ऋण का किश्त चुकाते हैं. ‘शिव भोजन’ योजना के तहत राज्य सरकार पायलट परियोजना शुरू करने के लिए 6.4 करोड़ रुपये खर्च करेगी जो तीन महीने तक चलेगी.

बयान में बताया गया है कि पायलट योजना के तहत कम से कम एक ‘शिव भोजन’ कैंटीन हर जिला मुख्यालय में शुरू किया जाएगा. हर कैंटीन 500 थाली परोसेगा. इसमें बताया गया कि शिव भोजन थाली में दो चपाती, एक सब्जी, चावल और दाल होगा. भोजन परोसने वाली कैंटीन दोपहर 12 बजे से दो बजे तक खुलेगा. बयान में कहा गया है कि इसकी प्रतिक्रिया देखने के बाद राज्य के अन्य हिस्सों में योजना का विस्तार किया जाएगा.

इसने कहा कि ग्राहकों को हर थाली पर महज दस रुपये का भुगतान करना होगा, लेकिन भोजन की वास्तविक कीमत शहरी केंद्रों में 50 रुपये प्रति थाली और ग्रामीण क्षेत्रों में 35 रुपये प्रति थाली पड़ेगी. शेष राशि को अनुदान के तौर पर जिला कलेक्टरेट को दिया जाएगा. पिछले हफ्ते विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार ने पूर्ण ऋण माफी के अपने वादे को पूरा नहीं किया है.