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सावरकर की छवि धूमिल करने वाली किताब को प्रतिबंधित करें उद्धव : फडणवीस

भाजपा इस किताब की कड़ी निंदा करती है. आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आज अगर हमारे बीच होते तो वह अपने चिरपरिचित अंदाज में इस पर (किताब पर) सबसे पहले प्रतिक्रिया देते.

Updated on: 03 Jan 2020, 09:27 PM

नई दिल्‍ली:

भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सेवा दल द्वारा बांटी गई किताब को प्रतिबंधित करने की मांग की. किताब में एक देशभक्त के तौर पर विनायक दामोदर सावरकर की साख पर सवाल उठाए गए हैं. ‘वीर सावरकर कितने वीर?’ शीर्षक से हिंदी में प्रकाशित किताब को मध्य प्रदेश में कांग्रेस से संबद्ध संगठन के शिविर में बांटा गया था. किताब में आरोप लगाया गया है कि अंडमान सेलुलर जेल से रिहा होने के बाद सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने पेंशन दी थी और उनके तथा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथुराम गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसी किताब बांटकर अपनी ‘दुष्ट’ मानसिकता का परिचय दिया है, जो उसके 'बौद्धिक दिवालिएपन' को दिखाती है. उन्होंने शिवसेना संस्थापक के लिए इस्तेमाल होने वाले विशेषण 'हिंदू हृदय सम्राट' का इस्तेमाल करते हुए कहा, 'भाजपा इस किताब की कड़ी निंदा करती है. आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आज अगर हमारे बीच होते तो वह अपने चिरपरिचित अंदाज में इस पर (किताब पर) सबसे पहले प्रतिक्रिया देते.'

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फडणवीस ने इस बारे में कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, 'आज ऐसी उम्मीद तो नहीं की जा सकती लेकिन आशा है कि मुख्यमंत्री इस किताब को प्रतिबंधित करने की तत्काल घोषणा करें.' उन्होंने शिवसेना से यह भी जानना चाहा कि ऐसी दिवालिया पार्टी के साथ अप्राकृतिक गठबंधन बनाने वाली शिवसेना क्या सत्ता की खातिर अपने 'देवता तुल्य' सावरकर का बार-बार अपमान झेलती रहेगी. भाजपा से रिश्ता तोड़कर शिवसेना ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनायी है. इससे पहले दिन में शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस किताब की आलोचना की.

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राउत ने कहा, 'वीर सावरकर एक महान शख्सियत थे और वह हमेशा महान रहेंगे. एक धड़ा हमेशा उनके खिलाफ बोलता रहा है. यह उनके दिमाग की 'गंदगी' को दिखाता है.' पिछले महीने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निशाना साधते हुए कहा था कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है और इसके लिए (बलात्कार वाली अपनी टिप्पणी पर) वह कभी माफी नहीं मांगेंगे, इस पर शिवसेना नाराज हो गई थी.

सावरकर पर आरोप लगाने वालों मुकदमा दर्ज होः रंजीत सावरकर
वहीं सावरकर को लेकर छिड़े संग्राम में अब विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर भी कूद पड़े हैं. रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी और कांग्रेस सेवादल सहित कई लोगों के खिलाफ सावरकर जी पर आरोप लगाने के लिए मुकदमा दायर किए जाने की मांग की है.