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बीजेपी से खींचतान के बीच शिवसेना नेता अरविंद सावंत के आ सकते हैं बुरे दिन

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) से खींचतान शिवसेना (Shiv Sena) नेता अरविंद सावंत (Arvind Sawant) को भारी पड़ सकती है. शिवसेना के ढाई-ढाई साल मुख्‍यमंत्री पद की लालसा में महाराष्‍ट्र की राजनीति भंवर में फंस गई है.

Updated on: 08 Nov 2019, 05:20 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) से खींचतान शिवसेना (Shiv Sena) नेता अरविंद सावंत (Arvind Sawant) को भारी पड़ सकती है. शिवसेना के ढाई-ढाई साल मुख्‍यमंत्री पद की लालसा में महाराष्‍ट्र की राजनीति भंवर में फंस गई है और सीएम देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadanvis) ने इस्‍तीफा दे दिया है. राज्‍यपाल ने उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार भी कर लिया है. इस बीच खबर है कि एनसीपी की ओर से शिवसेना पर दबाव डाला जा रहा है कि वह महाराष्‍ट्र के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) से भी बाहर आए, तभी उसे समर्थन देने पर विचार किया जाएगा. ऐसे में शिवसेना कोटे से केंद्र में मंत्री अरविंद सावंत (Arvind Sawant) के बुरे दिन आ सकते हैं और उन्‍हें मंत्री पद गंवानी पड़ सकती है.

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एनसीपी की ओर से नवाब मलिक और कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने शिवसेना से कहा है कि अगर वह मोदी सरकार से बाहर निकल जाती है तो महाराष्‍ट्र में उसे समर्थन देने पर विचार किया जा सकता है. इसके लिए शिवसेना को मोदी सरकार में इकलौते मंत्री अरविंद सावंत से इस्‍तीफा दिलवाना होगा.

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एनसीपी का कहना है कि शिवसेना यह घोषणा कर दे कि उसने बीजेपी से संबंध संबंध तोड़ दिया है तो महाराष्ट्र में एक नया राजनीतिक विकल्प बन सकता है. राकांपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी चाहती है कि मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दे दें और शिवसेना यह ऐलान कर दे कि अब एनडीए से उसका कोई नाता नहीं है तो उसे समर्थन दिया जा सकता है.