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महाराष्ट्र में NCP के संपर्क में शिवसेना, संजय राउत ने अजित पवार को लिखा- जय महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जोर आजमाइश जारी है. इस बीच ही एनसीपी (NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने ये बड़ी बात कही है.

Updated on: 03 Nov 2019, 03:59 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जोर आजमाइश जारी है. इस बीच ही एनसीपी (NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत ने उन्हें एक संदेश भेजा है. उन्होंने मीडिया के सामने मैसेज को दिखाते हुए कहा कि संजय राउत ने 'जय महाराष्ट्र' का मैसेज भेजा है. मैं एक बैठक में था, इसलिए इस मैसेज का जवाब नहीं सका. हम अब आपस में बातचीत करेंगे. इससे पहले संजय राउत ने पूर्ण बहुमत का दावा किया था.

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नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने कहा कि शिवसेना के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र चुनाव के बाद पहली बार मुझसे संपर्क किया है. उन्होंने मुझे 'जय महाराष्ट्र' का एक मैसेज भेजा है. हालांकि, मैं नहीं जानता कि उनके इस मैसेज का क्या मतलब है. जब ये मैसेज आया था तो मैं उस समय एक मीटिंग में था. अब मैं थोड़ी देर में उसे फोन करूंगा.

एनसीपी नेता अजित पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति के लिए सोमवार का दिन काफी अहम है. हमारे नेता शरद पवार कल दिल्ली जाएंगे और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. हम सभी मिल बैठकर फैसला करते हैं. शिवसेना के साथ गठबंधन पर फैसला कल होगा.

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बता दें कि अजित पवार ने कहा कि अगर संजय राउत ने दावा किया है कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है तो वे इस आंकड़े के बारे में बता सकते हैं. हम एक साथ 110 हैं. शिवसेना के समर्थन पर अजित पवार ने कहा कि एनसीपी ने कांग्रेस से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था. एक पक्ष यह निर्णय नहीं ले सकता है. शिवसेना के गठबंधन का निर्णय कांग्रेस-एनसीपी को संयुक्त रूप से करना है, लेकिन बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन एक साथ लड़ा और उन्हें बहुमत मिला. अब उन्हें सरकार बनानी चाहिए.

शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत होने का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि अभी हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है, जो 175 तक पहुंच सकता है. बता दें, शिवसेना के 56 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास 54 विधायक हैं. वहीं, निर्दलीय विधायकों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है. अगर ये सभी पार्टियां एकसाथ आती हैं तो ये आंकड़ा 170 के करीब पहुंचता है.