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शरद पवार (Sharad Pawar) का एक फोन कॉल और शिवसेना (Shiv Sena) के हाथ आई बाजी पलट गई

Maharashtra Political Dramma : शिवसेना को लग रहा था कि कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से उसके पास 154 विधायक हो जाएंगे और सरकार आसानी से बन जाएगी, लेकिन ऐन मौके पर सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को फोन किया और...

Updated on: 13 Nov 2019, 09:12 AM

नई दिल्‍ली:

दो दिन पहले तक शिवसेना (Shiv Sena) महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में अपनी सरकार बनाने के प्रति आशान्‍वित थी. कांग्रेस (Congress) ने भी शिवसेना-एनसीपी (Shiv Sena-NCP) सरकार को समर्थन देने का मन बना लिया था. हालांकि पार्टी में इसे लेकर मतभेद थे. शिवसेना को लग रहा था कि कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से उसके पास 154 विधायक हो जाएंगे और सरकार आसानी से बन जाएगी, लेकिन ऐन मौके पर सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को फोन किया और वहीं से शिवसेना की भावी सरकार पर शनि का साया मंडराने लगा.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार सुबह कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने शिवसेना की भावी सरकार को समर्थन देने को लेकर पार्टी नेताओं से बातचीत की. इस दौरान सोनिया गांधी ने शिवसेना की कट्टर हिन्‍दुत्‍व समर्थक छवि को लेकर चिंता जताई और कहा, इससे कांग्रेस को चुनावी नुकसान होगा. सोनिया गांधी की इस राय को एके एंथनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल मिस्चानी, राजीव साटव के अलावा महाराष्‍ट्र कांग्रेस के नेताओं सुशील कुमार शिंदे, अशोक चौहान, पृथ्वीराज चौहान, बालासाहेब गले ने भी समर्थन किया.

सोमवार शाम को एनसीपी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर शिवसेना की सरकार को समर्थन देने का अनुरोध किया. इस पर सोनिया गांधी ने कहा कि वे इस पर विचार करने के बाद फैसला लेंगी. लगभग 1 घंटे बाद शरद पवार ने सोनिया गांधी से बात की और कुछ अनिच्छा जताते हुए कहा कि शिवसेना को समर्थन देने का वादा करना जल्दबाजी होगी.

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शरद पवार ने सोनिया गांधी से कहा कि शक्ति बंटवारे को लेकर अभी बातचीत की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना से सिर्फ 2 सीट कम है. यह कहकर उन्‍होंने शायद इस बात की ओर इशारा किया कि शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्‍यमंत्री का पद दिया जाए या नहीं. इसके बाद से शिवसेना का खेल खराब होता चला गया और देर शाम राज्‍यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्‍यौता दे दिया.

बाद में NCP नेता अजीत पवार ने मीडिया को बताया, "सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे तक एनसीपी नेता शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल सहित हमारे नेता उनके पत्र का इंतजार कर रहे थे. शिवसेना को 7:30 बजे तक समर्थन पत्र जमा था. कांग्रेस समर्थन पत्र नहीं भेज रही थी, तो हम अपना समर्थन कैसे दे सकते थे. ” हालांकि कांग्रेस के नेता इसके पीछे शरद पवार के यू-टर्न को जिम्‍मेदार बता रहे हैं.