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हमने 70 साल पहले नए रूप में संविधान को अंगीकार किया था , संविधान दिवस पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा, 'आज 26 नवंबर का दिन ऐतिहासिक दिन है. 70 साल पहले हमने विधिवत रूप से, एक नए रंग रूप के साथ संविधान को अंगीकार किया था

Updated on: 26 Nov 2019, 12:15 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 70वें संविधान दिवस के मौके पर कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है और 70 साल पहले हमने नए रूप में संविधान को अंगीकार किया था. पीएम मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा, 'आज 26 नवंबर का दिन ऐतिहासिक दिन है. 70 साल पहले हमने विधिवत रूप से, एक नए रंग रूप के साथ संविधान को अंगीकार किया था.' उन्होंने कहा, 'हमें यह जीवंत लोकतंत्र देने में योगदान करने वाले सभी महान लोगों को मैं याद करता हूं और श्रद्धांजलि देता हूं.'

उन्होंने कहा, 'कुछ दिन और अवसर ऐसे होते हैं जो हमारे अतीत के साथ हमारे संबंधों को मजबूती देते हैं. हमें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करते हैं.' उन्होंने इस दौरान 2008 में इसी दिन मुंबई में हुए आंतकवादी हमले को भी याद किया.

उन्होंने कहा, '26 नवंबर हमें दर्द भी पहुंचाता है. जब भारत की महान परंपराओं, हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत को आज के ही दिन मुंबई में आतंकवादी मंसूबों ने छलनी करने का प्रयास किया था. मैं वहां मारी गईं सभी महान आत्माओं को नमन करता हूं.

संविधान दिवस के अवसर पर संसद के संयुक्त सत्र में मोदी ने कहा- 7 दशक पहले इसी सेंट्रल हॉल में इतनी ही पवित्र आवाजों की गूंज थी. तर्क आए, तथ्य आए. आस्था की चर्चा हुई, सपनों की चर्चा हुई. उन्होंने कहा, कुछ दिन और अवसर ऐसे होते हैं जो हमारे अतीत के साथ हमारे संबंधों को मजबूती देते हैं. हमें बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करते हैं. आज 26 नवंबर का दिन ऐतिहासिक दिन है, 70 साल पहले हमने विधिवत रूप से, एक नए रंग-रूप के साथ संविधान को अंगीकार किया था.

पीएम मोदी ने कहा, मैं विशेष तौर पर 130 करोड़ भारतीयों के सामने नतमस्तक हूं, जिन्होंने भारत के लोकतंत्र के प्रति आस्था को कभी कम नहीं होने दिया और हमारे संविधान को हमेशा एक पवित्र ग्रंथ माना पीएम मोदी ने आगे कहा, बाबा साहब ने पूछा था कि हमें आजादी भी मिल गई, गणतंत्र भी हो गए. क्या हम इसे बनाए रख सकते हैं? क्या अतीत से हम सीख ले सकते हैं? बाबा साहब अगर होते तो उनसे अधिक प्रसन्नता शायद ही किसी को होती. भारत ने इतने वर्षों में उनके सवालों का उत्तर दिया और अपने लोकतंत्र को और समृद्ध किया