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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने NCP-कांग्रेस को फिर दिया बड़ा झटका, एनपीआर को दी मंजूरी

महाराष्ट्र में एनपीआर लागू करने को लेकर उद्धव सरकार में तनातनी देखने को मिल रही है. कांग्रेस इसका खुलकर विरोध कर रही है. हालांकि अभी इस मामले में एनसीपी ने अपनी स्थिति साफ नहीं की है.

Updated on: 15 Feb 2020, 01:37 PM

मुंबई:

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या सूची (NPR) के देशव्यापी विरोध के बाद भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 मई से 15 जून तक एनपीआर के तहत सूचनाएं कलेक्ट करने की अधिसूचना जारी की है. महाराष्ट्र में भी इस कानून को लेकर लोगों को सूचनाएं एकत्रित की जाएंगी. हालांकि इसे लेकर उद्धव सरकार में सहयोगी दलों के बीच तनातनी देखने को मिल रही है.

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कांग्रेस साफ कर चुकी है कि वह केंद्र सरकार के इस कानून का समर्थन नहीं करेगी. राज्य कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि एनपीआर के प्रावधानों को लेकर कांग्रेस को शुरू से ही विरोध है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर कांग्रेस के मंत्री सरकार से बात करेंगे. दूसरी तरफ शिवसेना के सांसद अनिल देसाई भी साफ कह चुके हैं कि उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एनपीआर जनगणना जैसी है. वैसे भी जनगणना हर 10 साल में होगी ही है तो इसमें किसी को क्या आपत्ति. दोनों दलों में इस मुद्दे को लेकर खींचतान साफ देखने को मिल रही है. जल्द ही महाराष्ट्र में एनपीआर को लेकर अधिसूचना जारी की जाएगी.

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उद्धव सरकार में तनातनी
महाराष्ट्र में एनपीआर को लागू करना उद्धव ठाकरे सरकार के लिए आसान नहीं होगा. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाअघाड़ी गठबंधन की सरकार है. कांग्रेस शुरू से ही CAA, NRC और एनपीआर का खुलकर विरोध कर रही है. एनसीपी ने अभी इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऐंड सेंसस कमिश्नर ने देशभर में अप्रैल से सितंबर तक जनसंख्या सूची को अपडेट करने के लिए एनपीआर लागू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 7 जनवरी को अधिसूचना जारी की गई थी.