logo-image

मां ने 38 साल पहले छोड़ा, शख्स ने मांगा 1.5 करोड़ रुपये का मुआवजा

पेशे से मेकअप आर्टिस्ट, याचिकाकर्ता श्रीकांत सबनिस ने कहा कि जानबूझ कर अनजाने शहर में छोड़ दिए जाने के चलते उसका जीवन पूरी तरह कष्ट और मानसिक प्रताड़ना में बीता जिसके लिए उसकी मां आरती महासकर और उसके दूसरे पति (सबनिस के सौतेले पिता) को हर्जाना देना ह

Updated on: 12 Jan 2020, 03:10 PM

मुंबई:

बंबई उच्च न्यायालय में 40 वर्षीय एक व्यक्ति ने याचिका दायर कर दो साल की उम्र में उसे मुंबई में अकेला छोड़ देने और बाद में बेटे के तौर पर अपनाने से इंकार करने के लिए अपनी जैविक मां से डेढ़ करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. पेशे से मेकअप आर्टिस्ट, याचिकाकर्ता श्रीकांत सबनिस ने कहा कि जानबूझ कर अनजाने शहर में छोड़ दिए जाने के चलते उसका जीवन पूरी तरह कष्ट और मानसिक प्रताड़ना में बीता जिसके लिए उसकी मां आरती महासकर और उसके दूसरे पति (सबनिस के सौतेले पिता) को हर्जाना देना होगा.

यह भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 : दिल्ली की चौकी रही है बादली विधानसभा सीट

याचिका के मुताबिक आरती महासकर की पहली शादी दीपक सबनिस से हुई थी और फरवरी 1979 श्रीकांत का जन्म हुआ था जब दोनों पुणे में रहते थे. इसमें कहा गया कि महिला बेहद महत्वाकांक्षी थी और फिल्म उद्योग में काम करने के लिए मुंबई आना चाहती थी. सितंबर 1981 में उसने बच्चे को साथ लिया और मुंबई के लिए रवाना हो गई. याचिका में आरोप लगाया गया कि मुंबई पहुंचने के बाद, महिला ने बच्चे को एक ट्रेन में छोड़ दिया और वहां से चली गई. साथ ही इसमें कहा गया कि रेलवे के एक अधिकारी ने बच्चे को एक बाल गृह में भेज दिया.

यह भी पढ़ें: 13 जनवरी तो आधा झुका रहेगा भारत का राष्ट्रध्वज, मनेगा राष्ट्रीय शोक, जानें वजह

याचिका में हाई कोर्ट से श्रीकांत सबनिस की मां को निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह स्वीकार करे कि सबनिस उसका बेटा है और उसने दो साल की उम्र में उसे अकेला छोड़ दिया था. इस याचिका पर न्यायमूर्ति ए के मेनन 13 जनवरी को सुनवाई करेंगे.