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गैरकानूनी तरीके से गर्भपात के आरोप में हुई थी जेल, कोरोना संकट में ड्यूटी के लिए डॉक्टर को मिली जमानत

अदालत ने यह फैसला कोरोना वायरस की महामारी के चलते उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए दिया. उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में न्यायमूर्ति टीवी नालावडे ने यह फैसला सोमवार को डॉ.सूरज राणा की याचिका पर दिया

Updated on: 01 Apr 2020, 06:22 PM

मुंबई:

बंबई उच्च न्यायालय ने गैर कानूनी तरीके से गर्भपात कराने के दौरान महिला की मौत के आरोपी डॉक्टर को अस्थायी जमानत देते हुए औरंगाबाद के सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाएं देने का निर्देश दिया. अदालत ने यह फैसला कोरोना वायरस की महामारी के चलते उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए दिया. उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में न्यायमूर्ति टीवी नालावडे ने यह फैसला सोमवार को डॉ.सूरज राणा की याचिका पर दिया जिसमें उसने जरूरतमंदों की सेवा के लिए अस्थायी जमानत की मांग की थी.

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राणा को अगस्त 2019 में कथित रूप से जटिलताओं के बावजूद गर्भपात कराने के लिए ऑपरेशन करने और उससे हुई महिला की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. डॉक्टर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 314 (गर्भपात कराने के इरादे से किए कार्य से मौत), धारा 201 (सबूत नष्ट करने), धारा 203 और धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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अदालत ने फैसले में कहा, ‘‘ मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अदालत याचिकाकर्ता को अस्थायी जमानत देती है. आवेदक औरंगाबाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के डीन से संपर्क करे और शपथपत्र दाखिल करे कि उनके निर्देश के अनुरूप अपनी सेवाएं देने को तैयार है.’’ अदालत ले 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए राणा को निर्देश दिया कि वह मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित नहीं करे. एकल पीठ ने कहा कि अस्थायी जमानत 30 अप्रैल तक वैध रहेगी.