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गृह मंत्रालय ने राज्यों को डिटेंशन सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया था : महाराष्ट्र कांग्रेस

भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि डिटेंशन सेंटर प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के सितंबर 2018 के आदेश पर आधारित था.

Updated on: 24 Dec 2019, 10:12 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल जनवरी में राज्यों को अवैध प्रवासियों के लिए डिटेंशन केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया था. उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिल्ली की अपनी रैली में इन केंद्रों के बारे में झूठा बयान देने का आरोप लगाया. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने अस्थायी डिटेंशन सेंटरों के लिए जगह मांगी थी और नवी मुम्बई में तीन एकड़ के भूखंड पर एक स्थायी डिटेंशन सेंटर बनाने की योजना बनायी गयी थी.

सावंत ने कहा कि राज्य के गृह विभाग ने इस साल 16 अगस्त को सीआईडीसीओ को एक पत्र भेजा था. उन्होंने कहा कि नौ जनवरी को राज्यों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भेजा गया यह पत्र नागरिकता साबित नहीं होने पर अपनी सजा पूरी करने के बाद प्रत्यर्पण का इंतजार करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए डिटेंशन सेंटर के बारे में था. उन्होंने प्रधानमंत्री पर दिल्ली की अपनी रैली में यह झूठा दावा करने का आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी या डिटेंशन सेंटरों की कोई चर्चा भी नहीं हुई है. इसपर, भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि डिटेंशन सेंटर प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के सितंबर 2018 के आदेश पर आधारित था.

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उन्होंने कहा, ' सावंत को बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले उन्हें मिले कागजातों को पढ़ना चाहिए . डिटेंशन सेंटर उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर बनाया जाना है. उच्चतम न्यायालय ने कोलाबोरेटिव नेटवर्क फोर रिसर्च एंड कैपसिटी बिल्डिंग (गुवाहाटी का गैर लाभकारी संगठन) के मामले में यह आदेश दिया था.' उन्होंने कहा, ' उसने (उच्चतम न्यायालय ने) केंद्र सरकार को डिटेंशन सेंटरों के लिए नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया था. उसके बाद मंत्रालय ने आदर्श डिटेंशन सेंटरों का मसौदा तैयार किया और उसे राज्यों के पास भेजा.'

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आपको बता दें कि इससे पहले सितंबर में मीडिया में एनआरसी की फाइनल लिस्‍ट जारी होने के बाद असम के गोलपारा जिले के मटिया में देश का पहला डिटेंशन सेंटर बनाने की खबरें आईं थीं. एनआरसी की फाइनल लिस्‍ट में 19 लाख लोग जगह पाने से चूक गए हैं. हालांकि उनके पास विदेशी ट्रिब्‍यूनल में जाकर अपनी नागरिकता साबित करने का मौका है. सरकार ने इन लोगों को 120 दिन की मोहलत दी है. मौजूदा समय में असम में 100 विदेशी ट्रिब्यूनल हैं. लेकिन अब NRC लिस्ट जारी होने के बाद 200 ऐसे और ट्रिब्यूनल शुरू किए जायेंगे.