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महाराष्ट्र में सियासी घमासान: शिवसेना को राज्यपाल ने दिया झटका, और समय देने से किया इनकार

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने उन्हें बताया कि बाकी पार्टियों से हमारी बात चल रही है. जिसके लिए आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से और समय मांगा था

Updated on: 11 Nov 2019, 09:10 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र में सरकार बनाने की नूरा कुश्ती जारी है. सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया और सोमवार को राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया लेकिन यहां भी शिवसेना को बड़ा झटका लगा है. शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात के बाद शिवसेना ने और समय की मांग की. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को और समय देने से इनकार कर दिया और एनसीपी नेता अजित पवार को सरकार बनाने के लिए राजभवन बुलाया.

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने उन्हें बताया कि बाकी पार्टियों से हमारी बात चल रही है. जिसके लिए आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से और समय मांगा था जिसे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देने से मना कर दिया है. इस मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अभी हमारा दावा खारिज नहीं हुआ है हम सरकार बनाना चाहते हैं. हमें सहयोगी पार्टियों का समर्थन पत्र लेने के लिए थोड़ा समय लग रहा है.

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राज्यपाल ने शिवसेना को समय देने इनकार किया
शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए बताया, हमने राज्यपाल से कहा कि हमारी पार्टी सरकार बनाने के लिए तैयार है. लेकिन अभी हमें 2 दिनों का और समय चाहिए लेकिन राज्यपाल ने हमें और समय देने से इनकार कर दिया. आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की अन्य पार्टियों से शिवसेना की बातचीत चल रही है, लेकिन उनका समर्थन पत्र हासिल करने में थोड़ा समय लग रहा है, ऐसे में हमें 2 दिनों का और समय दिया जाए, हालांकि राज्यपाल ने शिवसेना को समय देने से वक्त देने से मना कर दिया है.

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महाराष्ट्र में लग सकता है राष्ट्रपति शासन
बहरहाल इन सब गतिरोधों के बाद महाराष्ट्र में अब गेंद राज्यपाल के पाले में हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र में आज रात को राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं. लेकिन अभी तक उन्होंने शिवसेना के दावे को खारिज भी नहीं किया है. अगर शिवसेना सहयोगी दलों के समर्थन पत्र लेकर राज्यपाल के पास पहुंच जाती है तो वो शिवसेना को सरकार बनाने का मौका दे सकते हैं.