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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगते ही जीएडी ने दस्तावेज, स्टेशनरी और फर्नीचर लौटाने को कहा

राष्ट्रपति शासन के बाद मंत्रालयों से आधिकारिक फाइलों, गोपनीय दस्तावेजों, आधिकारिक स्टेशनरी और फर्नीचर भी वापस करने के लिए कहा गया है.

Updated on: 13 Nov 2019, 06:04 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन (President Rule in Maharashtra) लगाए जाने के एक दिन बाद सामान्य प्रशासनिक विभाग (GAD) ने मंत्रालयों को आदेश दिया कि वे बुधवार शाम तक सरकारी संपत्ति सौंप दें. जीएडी का आदेश सभी मंत्रालयों, मंत्रियों के लिए काम कर रहे विशेष कार्याधिकारियों (OSD), निजी सचिवों और निजी सहायकों पर लागू होगा. आदेश में उनसे टेलीफोन बिल जमा करने और पहचान पत्र वापस करने के लिए कहा गया है. उन्हें आधिकारिक फाइलों, गोपनीय दस्तावेजों, आधिकारिक स्टेशनरी और फर्नीचर भी वापस करने के लिए कहा गया है. राज्य में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था.

राज्य की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 105 विधायक हैं. उसके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के 56 विधायक हैं. तीसरी सबसे बड़ी पार्टी राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. इसके पहले महाराष्ट्र में राज्यपाल की तरफ से दी गई समयसीमा में कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाई जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. इस घोषणा के बाद ही शिवसेना ने फैसले पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए. शिवसेना के एक नेता ने तो इसे बीजेपी की साजिश तक करार दे दिया. वहीं अब इस मामले पर गृह मंत्रालय का जवाब सामने आया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने बताया है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए हर संभव तरीके को देखा. उन्हें जब लगा कि राज्य में कोई भी स्थिर सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाएगा तब जाकर उन्होंने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की. गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि राज्यपाल ने ये कदम तब उठाया जब एनसीपी ने सरकार गठन के लिए तीन दिन का समय और मांगा था.

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आपको बता दें, इससे पहले राष्ट्रपति शासन लगाने की राज्यपाल की सिफारिश पर शिवसेना ने कहा कि, एनसीपी के पास बहुमत साबित करने के लिए मंगलवार रात 8.30 बजे तक समय था लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने ये कदम उठाया. मंगलवार को उद्धव ठाकरे ने कहा, आज तक किसी भी राज्य को ऐसा राज्यपाल नहीं मिला.  ठाकरे ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा, 'महाराष्ट्र के राज्यपाल ने बीजेपी को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही हमें सरकार बनाने के लिए पत्र दिया. जब हमने राज्यपाल से और समय मांगा तो उन्होंने नहीं दिया. हमने राज्यपाल से 48 घंटे मांगे थे लेकिन अब लगता है कि उन्होंने हमें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त छह महीने दे दिए हैं.'