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NCP नेता धनंजय मुंडे ने CM उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी, इस मामले में दर्ज FIR वापस लेने की मांग की

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की

Updated on: 03 Dec 2019, 08:33 PM

मुंबई:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता धनंजय मुंडे ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिखा है. खत में उन्होंने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गुजारिश की है. वहीं इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के MLC प्रकाश गजभिये ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने भी मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में दर्ज केस वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जितने भी प्रदर्शनकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज है उसको वापस लेने की मांग की है. 

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बता दें कि इससे पहले सीएम उद्धव ठाकरे ने कई बड़े फैसले लिए हैं. आरे कार मेट्रो शेड परियोजना पर रोक लगा दी है. साथ ही इस प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज केस वापस करने के निर्देष दिए. इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी की महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन पर भी इमरेजेंसी ब्रेक लगा दी है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की एक बार समीक्षा करने की जरूरत है. इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने नाणार रिफाइनरी के खिलाफ भी प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाए.

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उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के बाद एकदम एक्शन मोड में दिखने लगे हैं. एक से एक बड़ा फैसला ले रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने सोमवार को एक और बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नाणार प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले सभी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिया जाए. वहीं इससे पहले उद्धव ठाकरे ने आरे मेट्रो कार शेड परियोजना के खिलाफ प्रदर्शनकरने वालों के भी केस वापस लिए जाने को कहा था. उन्होंने कहा कि हम कोई भी काम बदले की भावना से नहीं कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे. इसके बाद ही अंतिम निर्णय पर पहुंचा जा सकता है. तब तक एक भी पत्ता नहीं काटा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर जितने भी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था सबका केस वापस लिया जाए. बता दें कि शिवसेना रत्नगिरि में तेल रिफाइनरी प्रोजेक्ट का विरोध करती रही है. शिवसेना के विरोध के बाद इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. हालांकि तत्कालीन सरकार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे.

नाणार परियोजना के लिए इस क्षेत्र के 14 गांवों की लगभग 15,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था. नाणार तेल रिफाइनरी परियोजना IOC, HPCL और BPCL और सऊदी पेट्रोलियम की दिग्गज कंपनी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी के बीच एक महत्वाकांक्षी 3 ट्रिलियन डॉलर का संयुक्त उपक्रम था. उस वक्त भी शिवसेना ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था. शिवसेना के साथ-साथ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग की थी.