Maharashtra Politics: तो क्या फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे देवेंद्र फडणवीस, बदलेगा इतिहास ?
Maharashtra Politics: 59 साल के इतिहास में महराष्ट्र में कोई भी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल नहीं हुई. महाराष्ट्र का गठन 01 मई 1960 को हुआ था और तब से अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं.
नई दिल्ली:
59 साल के इतिहास में महराष्ट्र में कोई भी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल नहीं हुई. महाराष्ट्र का गठन 01 मई 1960 को हुआ था और तब से अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इस दौरान कुल 18 नेता सीएम पद पर काबिज हो चुके हैं. इस बार नंबर गेम और राजनीतिक उठापटक को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह रिकॉर्ड टूट जाएगा.
24 अक्टूबर को राज्य की जनता ने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत देते हुए कुल 161 सीटें दी थीं. इसमें बीजेपी की झोली में 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर दोनों दलों में पेंच ऐसा फंसा की दोनों की राहें जुदा हो गईं.
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3 दशक की दोस्ती को तोड़ शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाने की ठान ली लेकिन एनसीपी के तत्कालीन विधायक दल के नेता अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दे दिया. 23 नवंबर को बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और साथ में एनसीपी के नेता व शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी.
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सुबह 8 बजे शपथ ग्रहण की खबर के बाद महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश की सियासत में भूचाल आ गया. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से बयानबाजी शुरू हो गई. दोपहर में शिवसेना और NCP ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमारे किसी विधायक ने बीजेपीको समर्थन नहीं दिया है.
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राजभवन गए NCP विधायकों को भी पता नहीं था कि अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन जाएंगे. यह उनका निजी फैसला था. पवार ने अजित पर कड़ी कार्रवाई करते हुए अजित पवार से विधयक दल के नेता की पदवी छीन ली. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
महाराष्ट्र विधानसभा की मौजूदा स्थिति
दल | सीटें |
बीेजपी | 105 |
NCP | 54 |
शिवसेना | 56 |
कांग्रेस | 44 |
बहुजन विकास अघाड़ी | 3 |
एआईएमआईएम | 2 |
निर्दलीय और अन्य दल | 24 |
ऐसे फिर पलट गया पासा
NCP की बैठक में पार्टी के 54 में से 44 विधायक शरद पवार के पास पहुंच गए थे. 288 सीटों वाली इस विधानसभा में बीजेपीके पास 105 विधायक हैं और बहुमत के लिए उसे 145 विधायकों की जरूरत है. अगर शरद पवार की पार्टी के विधायकों में फूट नहीं हुई तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करना देवेंद्र फडणवीस के लिए कठिन हो जाएगा.
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