शरद पवार के आवास पर कांग्रेस-NCP की कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक खत्म, ये दिग्गज नेता हुए शामिल
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक चव्हाण और एनसीपी की ओर से पार्टी मुखिया प्रमुख शरद पवार, छगन भुजबल प्रफुल्ल पटेल मौजूद रहेंगे.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में पिछले 27 दिनों से सरकार बनाने को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शरद पवार के आवास पर कांग्रेस और एनसीपी की कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक चव्हाण और एनसीपी की ओर से पार्टी मुखिया प्रमुख शरद पवार, छगन भुजबल प्रफुल्ल पटेल मौजूद हैं. कांग्रेस-NCP की महाराष्ट्र समन्वय समिति की बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत शरद पवार से मुलाकात करेंगे और महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर नई रणनीतियों पर चर्चा करेंगे.
आपको बता दें कि इस बैठक में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है. इसके पहले महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी जिस पर उनके सहयोगी दल कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी. इन दोनों की मुलाकात से कांग्रेस नाखुश है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि शरद पवार की पीएम मोदी से मुलाकात का ये 'wrong time' है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर एनसीपी-कांग्रेस के बीच लगातार बैठकों का दौर भी जारी है.
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एक तरफ जहां कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है तो वहीं शिवसेना भी एनसीपी-कांग्रेस को मनाने की हर संभव कोशिश कर रही है. इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत का बयान सामने आया है. उन्होंने दावा किया है कि अगले 5-6 दिनों में महाराष्ट्र में सरकार बनने की प्रकिया पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में दिसंबर से पहले एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार बन जाएगी. इसकी प्रकिया अभी से चल रही है.
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महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीटों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56 सीटें हासिल हुई थी. चुनाव पूर्व गठबंधन होने से दोनों दलों को मिलाकर पूर्ण बहुमत मिल गया था, लेकिन शिवसेना की ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की मांग से बात बिगड़ गई और शिवसेना एनडीए से अलग हो चुकी है. दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. 19 दिन तक सरकार नहीं बनी तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले हफ्ते मंगलवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी, जो उसी दिन लागू भी हो गया था.
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राष्ट्रपति शासन लागू होने से पहले और बाद में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन के लिए संपर्क साधा था. बीजेपी और शिवसेना के अलग हो जाने के बाद शरद पवार किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं. अगर वे बीजेपी के साथ गए तो बहुमत का आंकड़ा पूरा हो जाएगा, लेकिन अगर वे शिवसेना के साथ गए कांग्रेस का साथ लेना भी जरूरी हो जाएगा. इसमें कांग्रेस के साथ के अलावा उसकी मांगों को पूरा करने की चुनौती भी शिवसेना-एनसीपी के कंधों पर होगी.
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